मुजफ्फरनगर। “NCL जागरूकता अभियान 2.0” के अन्तर्गत पुलिस अधीक्षक अपराध मुजफ्फरनगर द्वारा श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के लॉ कॉलेज में किया गया जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन। विद्यार्थियों को पोस्टर व बैनर के माध्यम से नये कानूनों के सम्बन्ध में जागरूक किया गया।
विद्यार्थियों के मध्य तीन कानूनों से संबंधित वाद-विवाद, निबंध व क्विज प्रतियोगिता का आयोजन कर विजेताओं को सम्मानित किया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुजफ्फरनगर संजय कुमार वर्मा के निर्देशन में तथा पुलिस अधीक्षक अपराध इन्दु सिद्धार्थ के नेतृत्व में जनपद मुजफ्फरनगर में दिनांक 30.10.2025 से 01.11.2025 तक “NCL जागरूकता अभियान 2.0” संचालित किया जा रहा है। विदित हो कि भारत सरकार द्वारा लागू किए गए नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु पूर्व में व्यापक प्रचार-प्रसार एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। इसी क्रम में आज दिनांक 30.10.2025 को पुलिस अधीक्षक अपराध इन्दु सिद्दार्थ द्वारा श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलेज, मुजफ्फरनगर में तीनों नए आपराधिक कानूनों के संबंध में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य आमजन, विशेषकर विद्यार्थियों को वर्ष 2023 में संसद द्वारा पारित नए आपराधिक कानूनों —
1️⃣ भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita – BNS),
2️⃣ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita – BNSS) तथा
3️⃣ भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Bharatiya Sakshya Adhiniyam – BSA)
के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान करना एवं युवाओं को इनके प्रमुख प्रावधानों से अवगत कराना रहा।
कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधीक्षक अपराध इंदु सिद्धार्थ द्वारा विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा गया कि इन नए कानूनों का उद्देश्य न्याय प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सरल एवं पीड़ित-केंद्रित बनाना है। इन कानूनों के माध्यम से न केवल अपराधियों पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित किया गया है बल्कि पीड़ितों के अधिकारों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी गई है। महोदय द्वारा छात्रों को नए कानूनों के महत्वपूर्ण प्रावधानों जैसे – डिजिटल साक्ष्य की स्वीकृति, प्राथमिकी दर्ज कराने की ऑनलाइन सुविधा, बलात्कार पीड़ितों की गोपनीयता की सुरक्षा, जमानत एवं गिरफ्तारी से संबंधित सुधारों आदि के बारे में विस्तार से बताया गया। साथ ही महोदया द्वारा बताया गया कि ये तीनों कानून विक्टिम ओरियेन्टिड हैं। इन कानूनों में पहली बार मॉब लिंचिंग, आतंकवाद, स्नैचिंग जैसे अपराधों को परिभाषित किया गया है तथा इनमें दण्ड का प्रावधान किया गया है। साथ ही त्वरित न्याय के लिये वीडियो ट्रायल, फोरेंसिक साक्ष्य को अधिक महत्व देने जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं। इन कानूनों में पीडित को थाने पर जाये बिना अपराध के सम्बन्ध में ऑनलाइन एफआईआर कराने की सुविधा प्रदान की गयी हैं। इसके साथ ही पीडित घटना स्थल के थाने पर जाये बिना कहीं भी जीरो एफआईआर दर्ज करा सकते हैं।
कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों में कानूनों की समझ विकसित करने हेतु विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिनमें क्विज प्रतियोगिता, डिबेट (वाद-विवाद) एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता शामिल थीं। इन प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने अत्यंत उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया और नए कानूनों के प्रावधानों पर अपने विचार एवं ज्ञान का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। विजेता विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। महोदय द्वारा विजेताओं की सराहना करते हुए कहा गया कि युवा वर्ग समाज की शक्ति है और उन्हें कानूनों की जानकारी होना न केवल उनके अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक है बल्कि यह समाज में कानूनी जागरूकता और उत्तरदायित्व की भावना को भी सुदृढ़ करता है।
कार्यक्रम के दौरान कॉलेज के प्रबन्धक रविन्द्र प्रताप सिंह, प्राचार्या डा0 प्रेरणा मित्तल, कालेज प्रबन्धन सदस्य डा0 पुरुषोत्तम सिंह सहित कॉलेज का शिक्षण स्टाफ, छात्र-छात्राएं तथा पुलिस के अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण मौजूद रहे।


