*पांच पर्वों का संयुक्त उत्सव है दीपावली -संजीव शंकर*
*20 अक्टूबर सोमवार को दीपावली पूजन श्रेष्ठ*
महामृत्युंजय सेवा मिशन अध्यक्ष संजीव शंकर ने बताया कि धनतेरस कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से भैया दूज कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को पांच पर्व के रूप में बनाया जाता है।त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर शनिवार को दोपहर 12:20 से प्रारंभ होगी अत्यंत धनतेरस का उत्सव 18 अक्टूबर शनिवार, नरक चतुर्दशी, हनुमान जयंती व छोटी दीपावली 19 अक्टूबर रविवार को बड़ी दीपावली लक्ष्मी पूजन का पर्व 20 अक्टूबर सोमवार को है चुकी इस दिन अमावस्या तिथि 3:44 से प्रारंभ हो जाएगी और संपूर्ण रात्रि रहेगी जो रात्रि के पूजन है वे भी 20 अक्टूबर की रात्रि को ही किये जा सकते हैं। घरों में लक्ष्मी गणेश के पूजन का श्रेष्ठ समय शाम 6:10 से 8:06 तक है।
दीपावली पर फैक्ट्री, दुकान में पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 5:46 बजे से रात 8:18 बजे के बीच का प्रदोष काल है, जिसमें शाम 7:08 बजे से 8:18 बजे तक का समय महा-शुभ माना जाता है। इसके अतिरिक्त, रात 11:41 बजे से रात 12:31 बजे तक निशीथ काल मुहूर्त और देर रात 1:38 बजे से 3:56 बजे तक सिंह लग्न मुहूर्त भी रहेगा।
गोवर्धन पर्व प्रतिपदा 22अक्टूबर बुधवार को व भाई दूज द्वितीया तिथि (22 अक्टूबर शाम 8:16 से 23 अक्टूबर रात्रि 10:48 तक रहेगी) 23 अक्टूबर गुरुवार को बनाया जाना श्रेष्ठ है।

