नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में स्पष्ट किया है कि किरायेदार चाहे 50 साल या उससे अधिक समय से किसी मकान में रह रहा हो, उस संपत्ति का स्वामित्व हमेशा मकान मालिक का ही रहेगा। अदालत ने कहा कि “लंबे समय से रहने” का बहाना अब संपत्ति के अधिकार को प्रभावित नहीं करेगा।
इस निर्णय से उन लाखों मकान मालिकों को राहत मिलेगी जिनकी संपत्तियाँ वर्षों से किरायेदारों के कब्ज़े में हैं। कोर्ट ने कहा कि किरायेदारी का अर्थ केवल उपयोग का अधिकार है, स्वामित्व का नहीं। कानून अब साफ कहता है — “घर मालिक का, किराया तुम्हारा।”
यह फैसला संपत्ति विवादों में न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
Author: Taja Report
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