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वर्ल्ड सुसाइड प्रीवेंशन डे पर एक कार्यशाला का आयोजन

मेरा वजूद फाउंडेशन के तत्वाधान में चौधरी छोटू राम महाविद्यालय मुजफ्फरनगर में वर्ल्ड सुसाइड प्रीवेंशन डे पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया!

जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर ममता अग्रवाल मनोविज्ञान परामर्शदाता एवं महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रोफेसर केपी सिंह, मेरा वजूद फाउंडेशन के चेयरमैन प्रवेन्द्र दहिया,वॉइस चेयरमैन डॉक्टर रणवीर सिंह, बोर्ड मेंबर संजीव अग्रवाल,प्रोफेसर अरुण कुमार एवं डॉक्टर गिरिराज सिंह उपस्थित रहे.

डॉक्टर ममता अग्रवाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि अतिथि संघर्षों में आत्महत्या जैसे विचार सही नहीं है तथा आत्म हत्या समस्याओं का समाधान नहीं है। छात्र जीवन में सकारात्मक विचारों को प्राथमिकता दे क्योकि ये सफलता के लिए आवश्यक है। विपरीत समय में नकारात्मक लोगों से दूर रहे और आशावादी दृष्टिकोण के साथ चुनौतियों का सामना करे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यहीं समय है जब आप जितनी मेहनत चाहे उतनी करके अपने जीवन में अपना लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं, समय समय पर जीवन में संघर्ष और चुनौतियां आएंगी परंतु विवेक और धैर्य के साथ उनका सामना करना होगा।

डॉ रणवीर सिंह ने बताया कि विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day) हर साल 10 सितंबर को मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में आत्महत्या के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इसे रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाना है। इस दिन, विभिन्न संगठन, सरकारें और समुदाय मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर बात करते हैं और लोगों को मदद मांगने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

इस साल (2025) के लिए इस दिवस की थीम है “क्रिया द्वारा आशा का निर्माण” (Creating Hope Through Action)। इस थीम का उद्देश्य आत्महत्या से जूझ रहे लोगों में उम्मीद जगाना और उन्हें यह दिखाना है कि मदद उपलब्ध है। साथ ही, यह लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में खुलकर बात करने और आत्महत्या के संकेतों को पहचानने के लिए प्रोत्साहित

भारत में आत्महत्या की रोकथाम के लिए कई महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। भारत सरकार ने नवंबर 2022 में अपनी पहली राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति (National Suicide Prevention Strategy) की घोषणा की है…

प्रवेन्द्र दहिया ने बताया कि हम सभी कहीं ना कहीं परिवार के हिस्से हैं कोई किसी का बेटा है,बेटी है,पिता है, माँ है और परिवारों में और समाज में कहीं ना कहीं किसी बात को लेकर तनाव आ जाता है तो उसी समय हमें जागरुक होकर अपनी सोच को पॉजिटिव रखना है और अपने मन की बात हमें अपने साथी अपने मित्र,अपने माता-पिता से शेयर करनी चाहिए ताकि आत्महत्या के समय हम 2 मिनट ट्रिगर टाइम को अवॉइड करके अपने प्राण बचा सकते हैं..

अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर केपी सिंह एवं डॉक्टर अरुण कुमार ने संस्था का आभार व्यक्त किया एवं कहा कि विद्यार्थियों को स्वयं भी और समाज के लोगों को जागरूक करके हम किसी की जान बचा सकते हैं

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Author: Taja Report

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