आगरा के नकली दवा कांड में मुजफ्फरनगर से हुई बड़ी कार्रवाई, आयुष मेडिकोज संचालक के लैपटॉप व दस्तावेज जब्त
मुजफ्फरनगर। देश में नकली दवाओं की बढ़ती समस्या के बीच एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। स्वास्थ्य सुरक्षा को चुनौती देते हुए मुजफ्फरनगर में एक दवा कारोबारी ने करोड़ों रुपये की नकली एंटी एलर्जी दवाएं खरीदीं और नम्बर दो का कारोबार करते हुए उनको बिना बिलिंग के ही कथित रूप से उन्हें बाजार में बेच भी दिया। औषधि विभाग की टीम और पुलिस ने मिलकर इस रैकेट का भंडाफोड़ किया है। यह दवा कारोबारी सीधे तौर पर आगरा में हुए नकली दवा कारोबार के कांड से जुड़ा पाया गया है। आगरा कांड में शामिल दवा कारोबारियों से ही ये नकली दवा मुजफ्फरनगर के इस कारोबारी ने खरीदी थी। कारोबारी को गिरफ्तार कर लिया गया हैै। रात में सीओ और औषधि विभाग के अफसरों ने आरोपी से गहन पूछताछ की।
आगरा में सामने आए बहुचर्चित नकली दवा कांड की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में मुजफ्फरनगर से एक बड़े दवा कारोबारी को गिरफ्तार किया गया है, जिसने लगभग 3.50 करोड़ रुपये की नकली एंटी एलर्जी दवा एलेग्रा आगरा के इसी नकली दवा सिंडीकेट से खरीदी थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार आरोपी की पहचान तरुण गिरधर के रूप में हुई है, जो गांधी कालोनी स्थित आयुष मेडिकोज का संचालक है। बताया गया है कि मंगलवार देर रात औषधि विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने आयुष मेडिकोज पर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया। छापेमारी का नेतृत्व बस्ती मंडल के सहायक आयुक्त नरेश मोहन दीपक, सहारनपुर मंडल सहायक आयुक्त औषधि दीपा लाल और औषधि निरीक्षक मुजफ्फरनगर पवन कुमार शाक्य ने किया। जांच के दौरान आरोपित के लैपटॉप, मोबाइल और विभिन्न दस्तावेजों को जब्त किया गया है। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि आरोपी ने आगरा स्थित बंसल मेडिकल एजेंसी से बड़ी मात्रा में नकली एलेग्रा टैबलेट और कोलोस्ट्राल के उपचार के लिए दी जाने वाली टैबलेट रोजोवाश खरीदी थी।
औषधि निरीक्षक पवन शाक्य के अनुसार, 25 अगस्त को आगरा कांड के बाद प्रदेश शासन के निर्देश पर गठित टीम ने जनपद के सात मेडिकल स्टोरों पर छापामार कार्यवाही की थीं, इसमें आयुष मेडिकोज भी शामिल रहा। उस दौरान काफी दवाईयां मिली थी, लेकिन आयुष मेडिकोज का आगरा के बंसल मेडिकोज से खरीदी का साक्ष्य नहीं मिला था। दो दिन पहले आगरा से आई टीम ने साक्ष्यों के साथ आयुष मेडिकोज पर छापा मारा था। इसमें आगरा के बंसल मेडिकोज से आयुष मेडिकोज के मालिक तरूण गिरधर ने कारोबारी के पास खरीदी गई दवाओं का कोई वैध बिक्री रिकार्ड नहीं मिला है। वहीं, उसकी दुकान और गोदाम से एक भी दवा नहीं बरामद हुई, जिससे स्पष्ट है कि दवाएं बाजार में पहले ही सप्लाई की जा चुकी हैं। मंगलवार की रात टीम ने तरूण गिरधर को गिरफ्तार कर लिया है। सीओ नई मंडी राजू साव ने आरोपी से पूछताछ की और उसके डिजिटल उपकरणों की गहन जांच की जा रही है।
22 अगस्त को आगरा में पकड़ा गया था नकली दवा सिंडीकेट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नकली दवा कारोबार के लिए हुई गुप्त शिकायत के बाद शासन ने एसटीएफ के साथ विशेष ऑपरेशन तय किया और सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय के निर्देशन में पुलिस, प्रशासन एवं औषधि विभाग की संयुक्त टीम ने 22 अगस्त को आगरा स्थित हे मां मेडिको और बंसल मेडिकल एजेंसी पर छापा मारा था। यहां पर बड़े पैमाने पर नकली दवा के कारोबार की पुष्टि हुई थी। 10 दिन तक चली जांच में सामने आया है कि आगरा की पांच, लखनऊ की दो और पुडुचेरी की तीन फर्मों से डेढ़ वर्ष में 200 करोड़ की संदिग्ध दवाओं की सप्लाई बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, बरेली, अलीगढ़ और मुजफ्फरनगर जनपदों के साथ ही 12 राज्यों में की गई।
25 अगस्त को मुजफ्फरनगर के सात दवा कारोबारियों पर पड़ा था छापा
उत्तर प्रदेश के आगरा में नशीली दवा का कारोबार करने वाले एक बड़े व्यापारी के प्रतिष्ठान पर छापेमारी की गई थी, वहां हुई जांच के तार मुजफ्फरनगर में कई दवा कारोबारी से जुड़े मिले तो 25 अगस्त सोमवार को सहारनपुर से सहायक आयुक्त औषधि दीपा लाल टीम के साथ मुजफ्फरनगर पहुंची। टीम में शामिल सहारनपुर के औषधि निरीक्षक राघवेंद्र व मुजफ्फरनगर के औषधि निरीक्षक पवन कुमार शाक्य ने सहायक आयुक्त औषधि दीपा लाल के साथ दिनभर कई प्रतिष्ठानों पर जांच की। इस दिन टीम ने जिला परिषद मार्किट स्थित आनंद मेडिकल एजेंसी, वल्लभ मेडिकल एजेंसी, आयुष मेडिकोज गांधी कॉलोनी, श्रीजी मेडिकल एजेंसी, अल्ट्रा मेडिकल एजेंसी, एसआर मेडिकल एजेंसी, दिल्ली मेडिकल एजेंसी के अभिलेखों की जांच की और संदेह के आधार पर दवाइयों के नमूने लेकर जांच को भेजे थे। अब इसी छापामार कार्यवाही की जद में आये आयुष मेडिकोज गांधी कालोनी के दवा कारोबार तरूण गिरधर को गिरफ्तार किया गया है।
