मुजफ्फरनगर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि कांवड मार्ग पर नेम प्लेट को लेकर हमे सब का सम्मान करना चाहिए। जबरन किसी की पेंट उतारने के प्रयास आदि कार्य किसी भी धर्म के व्यक्ति को शोभा नहीं देता है। यह क्यों हो रहा है, इसका उपाय मेरे पास नहीं है, लेकिन सुझाव है कि आपसी भाईचारा कायम करके चले, जिस गंगाजल को लेकर कांवड़िए जाते हैँ। उसी गंगाजल से मुस्लिमों जलपान करते हैं।
नगर के अपर्ण बैँकेट हाल में शनिवार को जिला कांग्रेस कमेटी का कार्यक्रम हुआ। इसमें जिलाध्यक्ष सत्यपाल कटारिया और नगराध्यक्ष रंजन मित्तल ने नवनियुक्त कार्यकारणी पदाधिकारियों का परिचय कराया, जिसके बाद सभी को नियुक्ति पत्र देकर सामुहिक रूप से शपथ ग्रहण कराई। इस दौरान संकल्प दिलाया कि संविधान विरोधी ताकतों से संविधान को बचाने के लिए काम करेंगे। कांग्रेस विचारधारा को आगे बढाएंगे। इसके बाद सलमान खुर्शीद ने पत्रकारों से वार्ता की, जिसमें उन्होंने आंतकवाद के मुद्दे पर कहा कि आपरेशन सिंदूर के दौरान एक डेलीगेशन बाहर गया था, जिसमें मुझे भी भेजा गया है। यह बहुत अच्छी बात है कि बाहरी देशों में सत्ता और विपक्ष एक राय पर चला। सभी की दूसरी देशों में एक ध्वनि रही। इससे विश्व पटल पर भारत से सभी प्रभावित हुए हैं। चार दिन चले भारत-पाक युद्ध में कुछ अन्य देश में भारत के खिलाफ थे। इसको समझाना होगा। सरकार को भविषय में इसका ध्यान रखना होगा। कांवड़ यात्रा में नेम प्लेट के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हमे सभी का सम्मान करना चाहिए, जो घटनाएं की जा रही है। इसका उपाय हमारे पास नहीं है, लेकिन निवेदन जरूर है। कांवड़ यात्रा में जिस गंगाजल को लेकर कांवड़िए चलते है। उसका सम्मान होना चाहिए। जहां हिंदू गंगाजल से स्नान करता है तो फतहपुर में मुस्लिम इसका जलपान करता है। गंगा ने किसी से नहीं कहा कि मै तुम्हारी हूं और तुम्हारी नहीं हूं। जिस जल से खेत सींचते हैं। उसकी फसल से सभी धर्मों के लोगों का पेट भरता है। इस दौरान उन्होंने जातीय जनगणना पर कहा कि जो जनगणना हो रही है। इसकी मांग राहुल गांधी भी बहुत पहले से कर रहे थे। अभी जनगणना का प्ररूप स्पष्ट नहीं है। यदि वैज्ञानिक प्रारूप से हुई तो इसका स्वागत होगा, अन्यथा विरोध किया जाएगा। इस दौरान रंजन मित्तल, राकेश पुंडीर, सतीश शर्मा, कमल मित्तल, असद फारूकी, जाकिर राना, बल्किस चौधरी, युगल किशोर भारती आदि कांग्रेसी मौजूद रहे।
—
