मुजफ्फरनगर। क्या किसी ने सोचा भी होगा कि स्टेशन पर ट्रेन का स्टोपेज होने के बावजूद भी ट्रेन स्टेशन न रूके और रन-थू्र हो जाये। जी हां, मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर 6 जून की सायं सहारनपुर से चलकर प्रयागराज को जाने वाली 14242-नौचंदी एक्सप्रेस ट्रेन के साथ ऐसा ही हुआ। स्टेशन से पहले ही एसीपी (अलार्म चैन पुलिंग) में खडी गाडी सिग्नल मिलने के कारण मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर नहीं रूकी और रन-थ्रू हो गई। ट्रेन से उतरने और चढने वाले यात्री ट्रेन रूकने का इंतजार ही करते रह गये।
ज्ञातव्य है कि सहारनपुर से चलकर प्रयागराज को जाने वाली 14242-नौचंदी एक्सप्रेस ट्रेन का मुजफ्फरनगर स्टेशन पर पहुंचने का सही समय सायं 6.09 बजे है। 6 जून की सायं टे्रन अपने निर्धारित समय पर मुजफ्फरनगर पहुंची, लेकिन स्टेशन से कुछ दूरी पहले ही ट्रेन एसीपी (अलार्म चैन पुलिंग) में खडी हो गई। कुछ देर बाद एसीपी को सही किया गया, जिसके बाद ट्रेन को मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर रूकना था। शायद मुजफ्फरनगर के स्टेशन मास्टर को इस बात की जानकारी नहीं हो पाई थी कि ट्रेन प्लेटफार्म पर न रूककर एसीपी के कारण प्लेटफार्म से कुछ दूरी पहले ही रूकी थी। स्टेशन मास्टर ने ट्रेन के मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन से चलने के निर्धारित समय 6.11 पर ट्रेन को चलने का सिग्नल दे दिया, जिस कारण एसीपी में खडी ट्रेन मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर न रूककर स्पीड के साथ रन-थू्र हो गई। मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के न रूकने के कारण ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्री हक्के-बक्के रह गये। एसीपी में खडी नौचंदी एक्सप्रेस से जो यात्री उतर गये, वो तो उतर गये, जो प्लेटफार्म पर ट्रेन के रूकने का इंतजार कर रहे थे, वे आगे की ओर बढ़ गये। स्टेशन पर ट्रेन के न रूकने से टे्रन से उतरने और ट्रेन में चढने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पडा। मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर हुई यह घटना बेहद ही चर्चा का विषय बनी हुई है और यात्री अब सिर्फ नौचंदी एक्सप्रेस ही नहीं, बल्कि किसी भी ट्रेन के बारे में इस बात के चटखारे लेते नजर आते हैं कि मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर टे्रन रूकने का स्टोपेज तो है, पर पता नहीं ट्रेन यहां पर रूकेगी भी या नहीं?
