व्यवसायिक सफलता के साथ आध्यात्मिक मूल्यों की अद्भुत मिसाल
पंचकुला । उत्कृष्ट नेतृत्व, समाज सेवा और कर्मचारियों के प्रति समर्पण के लिए पहचाने जाने वाले मिट्स हेल्थकेयर के संस्थापक एवं निदेशक एम. के. भाटिया ने हाल ही में श्री रेणुका जी पवित्र तीर्थस्थल पर जाकर का भावपूर्ण निर्वहन करते हुए विनम्रतापूर्वक शीश नवाया।
भारतीय दर्शन में ‘मार ऋण’ उन तीन ऋणों में से एक माने जाते हैं, जो व्यक्ति के जीवन भर के कर्तव्यों और सामाजिक उत्तरदायित्वों से जुड़ा होता है — जिनमें माता-पिता, गुरु, समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारियाँ सम्मिलित होती हैं। भाटिया का यह कदम इस बात का प्रतीक है कि वे न केवल एक सफल उद्योगपति हैं, बल्कि अपने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति भी गहराई से जुड़े हुए हैं। तीर्थस्थल पर दर्शन के उपरांत उन्होंने कहा, “मेरे लिए यह स्थान केवल श्रद्धा का केंद्र नहीं, बल्कि आत्मचिंतन और सामाजिक कर्तव्यों की पुनः स्मृति का स्थल है। एक उद्यमी के रूप में मेरी जिम्मेदारी केवल कारोबार तक सीमित नहीं, बल्कि समाज और संस्कृति के प्रति भी है।” भाटिया की यह आध्यात्मिक पहल उनके समर्पण, विनम्रता और सामाजिक चेतना का प्रमाण है। इससे यह स्पष्ट होता है कि मिट्स हेल्थकेयर की नींव केवल मुनाफे पर नहीं, बल्कि संस्कार, सेवा और सत्कर्मों पर टिकी है।
