मुजफ्फरनगर। भाजपा नेताओं के लंबे समय से आरोपों और नाराज़गी के बीच, पहली बार ऐसा हुआ है जब मुज़फ्फरनगर में किसी भाजपा नेता से कथित अभद्रता करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है।मामला मुजफ्फरनगर के रामलीला टिल्ला क्षेत्र का है, जहां पुलिस द्वारा की गई चेकिंग के दौरान भाजपा अनुसूचित मोर्चा के जिलाध्यक्ष अजय सागर के साथ कथित दुर्व्यवहार के आरोप में दरोगा जय शर्मा और सिपाही निशांत को लाइनहाजिर कर दिया गया है।दो दिन पहले भाजपा नेता अजय सागर अपने परिवार के साथ रामलीला टिल्ले की ओर जा रहे थे, जब पुलिस चेकिंग कर रही थी। इस दौरान मौजूद पुलिसकर्मियों ने हेलमेट न पहनने को लेकर नेता को रोका, जिससे विवाद हुआ। बताया जा रहा है कि अजय सागर और पुलिसकर्मियों के बीच जमकर बहस हुई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।वीडियो में भाजपा नेता कह रहे हैं कि जब आम जनता बिना हेलमेट के चल रही है तो उन्हें और उनके परिवार को क्यों रोका जा रहा है? उन्होंने यह भी कहा कि वह बिना हेलमेट ही चलेंगे और उनके भाई को भी हेलमेट लगाने की ज़रूरत नहीं है। इसी दौरान मौके पर मौजूद दरोगा जय शर्मा और सिपाही निशांत के कथित अभद्र व्यवहार ने मामला गर्मा दिया।सुने अजय सागर ने क्या बताया था –इस घटना से नाराज़ सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता देर रात मंत्री कपिल देव अग्रवाल के आवास पर इकट्ठा हो गए। मंत्री के आवास पर पहुंचे सीओ सिटी राज कुमार साव को मंत्री ने निर्देश दिए कि दोनों पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से लाइनहाजिर किया जाए। मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “जो भाजपा कार्यकर्ताओं से बदतमीजी करेगा, वह जिले में नहीं टिकेगा।” सीओ सिटी राजकुमार की रिपोर्ट पर एसएसपी संजय कुमार ने दरोगा जय शर्मा और सिपाही निशांत को लाइनहाजिर करने के आदेश दे दिए है । इस कार्रवाई को भाजपा कार्यकर्ताओं ने “पहली प्रतीकात्मक जीत” करार दिया है।
गौरतलब है कि पिछले 8 वर्षों से प्रदेश में भाजपा की सरकार है, लेकिन मुजफ्फरनगर जैसे जिलों में पार्टी कार्यकर्ताओं का यह आरोप रहा है कि पुलिस प्रशासन उनके साथ ठीक व्यवहार नहीं करता। पहले भी कई बार भाजपा नेताओं के साथ सार्वजनिक स्थानों पर कथित अभद्रता के मामले सामने आए लेकिन कार्रवाई न के बराबर हुई। पिछले 8 साल में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में सत्ता सीन है लेकिन तब से लगातार यह चर्चा रहती है कि भाजपाइयों की कही सुनवाई नहीं हो रही है, मुजफ्फरनगर में भाजपा के कई नेता रहे हैं जिनके साथ पुलिस सार्वजनिक रूप से दुर्व्यवहार कर चुकी थी लेकिन कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।यहां तक कि पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान भी एक बार खुद थाने तक पहुंचे थे, लेकिन तब भी किसी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। ज़िले में भारतीय जनता पार्टी के सबसे कद्दावर नेता माने जाने वाले डॉक्टर बालियान के खुले विरोध के बाबजूद थाना प्रभारी उमेश रोरिया के खिलाफ कोई कार्रवाई होने की बात तो दूर, बाद में उन्हें शहर कोतवाल बना दिया गया। इस घटना को लेकर अब यह माना जा रहा है कि पार्टी के अंदरूनी दबाव और संगठन के असंतोष को देखते हुए प्रशासन को आखिरकार कार्रवाई करनी पड़ी है।
