Taja Report

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिला किसानों का प्रतिनिधिमंडल

मुजफ्फरनगर। आज भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर खेती किसानी को अधिक समर्थन देने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती सरकार की प्राथमिकता का हिस्सा है, खेती को लेकर सरकार गंभीर है

सरकार द्वारा समय पर इसको लेकर सरकारी प्रयास जारी है । प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री जी को आश्वासन दिया कि देश का किसान हर परिस्थिति में देश के साथ है
प्रतिनिधिमण्डल में राजेश सिंह चौहान, राष्ट्रीय अध्यक्ष, बाबा राजेंद्र सिंह मलिक चेयरमैन/संरक्षक,बाबा श्याम सिंह मलिक,धर्मेन्द्र मलिक राष्ट्रीय प्रवक्ता,मांगेराम त्यागी,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष,दिगंबर सिंह युवा प्रदेश अध्यक्ष शामिल रहे।
वार्ता में भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक द्वारा निम्न विषयों को उठाया गया

ज्ञापन
आदरणीय श्री योगी आदित्य नाथ जी
उत्तर प्रदेष शासन लखनऊ

मान्यवर श्री योगी जी,
आप पूर्व से ही किसानों की समस्याओं को लेकर अवगत हैं इसके समाधान के लिये आपके द्वारा सतत प्रयास समय-समय पर किये जाते रहे हैं। किसानों की समस्याओं के समाधान एवं उत्पादन लागत में कमी किये जाने हेतु भारतय किसान यूनियन अरानजैतिक निम्न सुझाव देती है,
1. उत्तर प्रदेष के गन्ना किसानों का बकाया भुगतान अविलम्ब कराया जाये। गन्ने को बचाने हेतु पायरिला, रेडरोट, टॉपबोरर से किसानों की फसल बचाये जाने हेतु विषेष अभियान चलाया जाये।
2. कृषि को बढावा देने के लिये एवं कृषि से जुड़े विभागों के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने के लिये उत्तर प्रदेष में कृषि कैबिनेट का गठन किया जाये।
3. कृषि रक्षा इकाई एवं कृषि बीज भंडार को समायोजित करते हुए प्रभावी बनाया जाये एवं सरकारी एवं निजी कीटनाषक बेचने वाली दुकानों से बिक्री, कृषि रक्षा अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र के अधिकारियों की संस्तुति पर ही की जाये।
4. कीटनाशक रसायन का वर्गीकरण फसल के आधार पर किया जाये, अनावश्यक रूप से निर्मित रसायन पर रोक लगायी जाये, साथ ही वर्गीकरण में आने वाले रसायन की संख्या भी सीमित की जाये, जिससे भ्रमित करने वाले रसायनों पर रोक लग सके।
5. रसायनों के मूल्य की निगरानी हेतु रसायनों के न्यूनतम एवं उच्चतम मूल्य निर्धारित किये जायें।
6. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एन० पी० के० मिश्रण बनाने वाली निर्माण इकाई के साथ अन्य मिश्रित उर्वरक बनाने वाली इकाई पर सतत निगरानी रखते हुए यह सुनिश्चित की जाए कि यदि राज्य सरकार द्वारा उक्त इकाइयों को कच्चा माल क्रय करने कि अनुमति न होने के बावजूद भी इन इकाइयों के साथ अन्य ईकाइयो में भी जिप्सम के नाम पर नकली एन० पी० के० मिश्रण तैयार किया जा रहा है द्य जिसकी बिक्री भारत नामचीन कंपनी इफको,क्रभो .आईपीएल आदि के नाम पर बेचा जा रहा हैद्य जिसके चलते किसान का खरीद के समय एवं उत्पादन में नुकसान हो रहा है
7. फार्म मशीनरी बैंक, कस्टमर हायरिंग मशीन के लक्ष्य कम करते हुए नियमित प्रयोग किये जाने वाले यंत्रो के लक्ष्य बढ़ाया जाये। क्रय किये वाले यंत्रो पर अनुदान की सीमा तय की जाये। खेती में मजदुर की समस्या को देखते हुए यंत्रो के लक्ष्य को पांच गुना किया जाये।
8. किसान सम्मान निधि के डाटा में बदलाव का अधिकार मंडल स्तर पर दिया जाये साथ ही ऐसे किसानो के लिए विशेष कैम्प, ऑनलाइन विंडो वॉट्सअप/ईमेल के माध्यम से भी निस्तारण किया जाये।

9. किसान क्रेड़िट कार्ड़ किसानों के लिये एक विषेष योजना है जिसमें 5 लाख रूपये तक के किसान क्रेड़िट कार्ड़ पर सभी शुल्क, भूमि बंधन लागू नहीं हैं। भारत सरकार के आदेष के बावजूद भी भारतीय स्टेट बैंक सहित कुछ बैंकों द्वारा शुल्क काटे जा रहे हैं जिससे किसानों को नुकसान हो रहा हे। भारत सरकार के शासनादेषानुसार को सभी बैंको द्वारा पालन करने के लिये निर्देष दिये जायें।
10. डार्क जोन में एचडी पाइप योजना में शत प्रतिशत किसानों को 90 प्रतिषत के अनुदान राषि देते हुये शामिल किया जाये।
11. कीटनाशी रसायन उत्पाद इकाई के सीएसआर फंड का उपयोग किसान कल्याण हेतु सुनिश्चित किया जाये।
12. किसान गोष्ठी, मेले आदि प्रसार के कार्यक्रम को कृषि, पशुपालन, गन्ना, उद्यान विभाग को मिलाकर बजट दिया जाये जिससे कम खर्च में अधिक प्रचार-प्रसार हो सके।
13. उत्तर प्रदेष में पशुओं में बांझपन की बीमारी महामारी का रूप ले रही है इसका समाधान किया जाना अति आवष्क है इसके लिये एक विषेष कार्यक्रम चलाया जाये।

अतः आपसे अनुरोध है कि उत्तर प्रदेश के किसानों की उपरोक्त समस्याओं के समाधान के सम्बन्ध में समुचित कार्यवाही करने का कष्ट करें। आभारी होंगे।

मुख्यमंत्री जी द्वारा सभी विषयों के समाधान का आश्वासन दिया गया।

Taja Report
Author: Taja Report

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *