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मुजफ्फरनगर श्री अग्र भागवत कथा”का आयोजन 22 अप्रैल से

मुजफ्फरनगर। अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन जनपद मुजफ्फरनगर द्वारा श्री “अग्र भागवत” कथा का आयोजन 22, 23, 24 अप्रैल को आशीर्वाद बैंकेट हॉल में किया जाएगा। श्री महामंडलेश्वर आचार्य नर्मदा शंकर पुरी जी महाराज अग्रकुल शिरोमणी महाराजा अग्रसेन के जीवन का रोचक वर्णन करेंगे।

संस्था के प्रदेशअध्यक्ष सुरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार, 22 अप्रैल को प्रात: 9 बजे शिव मन्दिर, लक्ष्मण विहार से कलश यात्रा निकाली जाएगी। 22 अप्रैल को सायं 3 से 6 बजे श्री अग्र भागवत कथा प्रारम्भ होगी। बुधवार, 23 अप्रैल को विवाह प्रसंग

तथा गुरुवार, 24 अप्रैल को सायं 3 से 6 बजे राज्याभिषेक एवं भण्डारे का आयोजन होगा। इसमें मुख्य अतिथि राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष अ.भा. अग्रवाल सम्मेलन गोपाल शरण गर्ग तथा अतुल गर्ग, सांसद, लोकसभा, गाजियाबाद रहेंगे। अति विशिष्ठ अतिथि गोपाल गोयल, राष्ट्रीय महामंत्री अ.भा. अग्रवाल सम्मेलन,  मिनाक्षी स्वरूप, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद, अभिमन्यू गुप्ता, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा पूर्व विधायक अशोक कंसल रहेंगे। आयोजक के रूप में प्रमोद मित्तल (राष्ट्र संगठन मंत्री) रामकुमार तायल (प्रदेश महामंत्री) विनोद संगल (जिला अध्यक्ष) अंकुर गर्ग (जिला महामंत्री) टोनी बिंदल(कोषाध्यक्ष) विश्वदीप गोयल (युवा प्रदेश अध्यक्ष) रेणु गर्ग (प्रदेशअध्यक्ष महिला )ममता अग्रवाल प्रदेश महामंत्री महिला विंग) नीति अग्रवाल (जिला अध्यक्ष महिला)

सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि महाराजा अग्रसेन एक कर्मयोगी थे। समाजवाद के अनुयायी होने के कारण उन्होंने समतामूलक समाज सुनिश्चित करने के लिए एक अनूठा नियम बनाया। उन्होंने घोषणा की कि अग्रोहा में स्थायी रूप से बसने के लिए आने वाले किसी भी व्यक्ति को अग्रोहा के प्रत्येक निवासी द्वारा एक रुपया, एक ईंट दी जाएगी। ईंटों से वह रहने के लिए घर बना सकता है और इससे एकत्र धन से वह अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकता है। इस तरह प्रत्येक व्यक्ति की थोड़ी सी मदद से समानों के समाज में बराबरी का दर्जा प्राप्त कर सकता है। आज भी समाजसेवा के

क्षेत्र में उनके अनुयायी उनके पद चिह्नों पर चल रहे हैं। अग्रोहा में विशाल भवन के साथ सौ करोड़ रुपये की लागत से महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। भवन में सौ एसी कमरे हैं। विश्व भर के अग्रसमाज के लिए यह सबसे बडे तीर्थ के रूप में विकसित हो रहा है। क्षत्रिय धर्म के साथ वाणिज्य को जोड़ा ताकि दोनों स्रोत मजबूत हो शारीरिक और आर्थिक दैवीय संपदा की वृद्धि हेतु महालक्ष्मी कुलदेवी स्वीकार किया। सर्वश्री लोकेश चंद्रा विनोद संगल परम कीर्ति अग्रवाल अश्वनी मित्तल आशुतोष कुछल शिशु कांत एडवोकेट वेद प्रकाश मंगल पीके गुप्ता सुनील गर्ग प्रगति कुमार c.a श्री कृष्ण अग्रवाल ललित अग्रवाल ल.के मित्तल मुनेश सिंगल बीएम गुप्ता आदि गणमान्यजन उपस्थित रहे।

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Author: Taja Report

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