Taja Report

मुजफ्फरनगर जेल में बंद पूर्व विधायक शाहनवाज राना से मिले मोबाइल के तार उनके समधी से जुडे

मुजफ्फरनगर। पूर्व विधायक शाहनवाज राना से जेल में मोबाइल बरामद होने के मामले में बिजनौर निवासी उनके समधी के भी लपेटे में आने की आशंका है। पुलिस जांच में में पता चला है कि बरामद सिम बिजनौर के शेरकोट निवासी आमिर के नाम से सिम जारी कराया था। आमिर ने पूछताछ में बताया कि बिजनौर के पूर्व विधायक मोहम्मद गाजी ने सिम मंगाया था। गाजी शाहनवाज के समधी हैं। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि सिम शाहनवाज राना तक कैसे पहुंचा।

मुजफ्फरनगर जेल में पूर्व विधायक से मोबाइल बरामदगी के मामले में जांच में सामने आया था कि सिम शेरकोट के आमिर के नाम से लिया गया था। पुलिस ने आमिर को नई मंडी कोतवाली लाकर पूछताछ की। आरोपी ने बताया कि वह नहीं जानता कि सिम शाहनवाज राना तक कैसे पहुंचा। जांच में यह सामने आया कि बिजनौर के पूर्व विधायक मोहम्मद गाजी ने यह सिम आमिर से मंगाया था। पुलिस ने आमिर को नोटिस देकर छोड़ दिया, जबकि पूर्व विधायक गाजी को नोटिस जारी किया गया है। एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि जांच में बिजनौर के पूर्व विधायक तक सिम पहुंचाने की जानकारी आमिर ने दी है, इसकी पुष्टि के लिए जांच की जा रही है। पुलिस की जांच में आया कि मोबाइल पूर्व विधायक को कोर्ट में पेशी के दौरान दिया गया था। मोबाइल देने वाला बिजनौर का ही रहने वाला है। शाहनवाज राना पूर्व में बिजनौर से विधायक रहे हैं और सिम देने वाला उनका कोई परिचित है। इस सिम से किस-किस से बात की गई। पुलिस ने इस बारे में जांच शुरू की है। मोबाइल फोन बरामद होने के मामले में पूर्व विधायक की तन्हाई बैरक के प्रभारी हेड वार्डन रामरूप की लापरवाही मानते हुए निलंबित किया जा चुका है। चार अन्य कर्मचारियों की भूमिका की जांच चल रही है।

याद रहे कि पूर्व विधायक शाहनवाज राना के बेटे आजम राना का विवाह बिजनौर के पूर्व विधायक मोहम्मद गाजी की बेटी के साथ हुआ है। दोनों पूर्व विधायक रिश्ते में समधी हैं। पूर्व विधायक शाहनवाज राना धोखाधड़ी के एक मामले में पांच दिसंबर से जिला जेल में बंद थे। उन्हें जेल में तन्हाई बैरक में रखा गया था। 25 मार्च की रात में चेकिंग के दौरान पूर्व विधायक से एक छोटा मोबाइल बरामद हुआ था। आरोप है कि मोबाइल के बारे में जानकारी करने पर पूर्व विधायक ने जेलर राजेश कुमार के साथ अभद्रता करते हुए उन्हें धमकी भी दी थी। जेलर ने नई मंडी कोतवाली में पूर्व विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पूर्व विधायक को चार अप्रैल को चित्रकूट जेल भेज दिया गया। मोबाइल बरामद होने के मामले में पूर्व विधायक को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।

Taja Report
Author: Taja Report

Advertisements

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *