मुजफ्फरनगर 9 अप्रैल/ क्रांतिसेना पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी उमेश मिश्रा से मिलकर पब्लिक स्कूलों द्वारा किए जा रहे अभिभावकों के शोषण को रोकने की मांग करते हुए कहा कि पब्लिक स्कूलों में शिक्षा जैसे पवित्र कार्य का भी पूरी तरह व्यवसायीकरण कर दिया है, अभिभावकों से मोटी फीस वसूलने के बावजूद उन्हें स्कूलों द्वारा निर्धारित दुकानदारों से पाठ्यक्रम खरीदने के लिए विवश किया जा रहा है, यह तो जग जाहिर है कि पब्लिक स्कूल प्रबंधन द्वारा पब्लिकेशन कंपनियों से 50 60% तक की कमीशन ली जाती है और अभिभावकों को उन्ही दुकानदारों से महंगा पाठ्यक्रम और महंगी ड्रेस खरीदने के लिए विवश किया जाता है उन्होंने कहा के जहां केंद्रीय विद्यालय में नर्सरी का कोर्स ₹600 के आसपास है वहीं पब्लिक स्कूलों में नर्सरी का कोर्स 5000 से ₹7000 के बीच है, स्कूलों द्वारा एक बार विद्यार्थी के एडमिशन के बाद हर क्लास में एडमिशन की परंपरा को जन्म दे दिया गया है जिससे प्रतिवर्ष एडमिशन फीस के नाम पर भी अभिभावकों पर शोषण चल रहा है उन्होंने कहा की बच्चों और उनके अभिभावकों से मोटी कमाई करने वाले यह पब्लिक स्कूल अपने यहां कार्य करने वाले अध्यापक /अध्यापिकाओं पूरा वेतन भी नहीं देते उनसे 15 से ₹20000 के वेतन की रिसिविंग कराई जाती हैँ और उन्हें सिर्फ 5 से ₹7000 तक ही वेतन दिया जाता हैँ, उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी महोदय को सोंपे ज्ञापन में पब्लिक स्कूलों की लूट पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि प्रत्येक पब्लिक स्कूल में एनसीईआरटी का कोर्स लागू किया जाए साथ ही अभिभावकों को मनमानी दुकानों से पाठ्यक्रम खरीदने की छूट दी जाए तथा स्कूल में एडमिशन होने के बाद प्रत्येक क्लास में एडमिशन की अनिवार्यता भी समाप्त की जाए, इसके अलावा पब्लिक स्कूल में पढ़ाने वाले अध्यापक अध्यापिकाओ को शासनादेश के अनुरूप वेतन देने की व्यवस्था की जाए, इस अवसर पर मंडल प्रमुख शरद कपूर महानगर प्रमुख देवेंद्र चौहान नरेंद्र ठाकुर, अमित गुप्ता, उज्ज्वल पंडित आशीष मिश्रा आदित्य कश्यप राजेंद्र पायल हर्षित दीवान रोहित धीमन दीपक कश्यप शैलेंद्र विश्वकर्मा राकेश धीमान अमित मित्तल अरविंद शर्मा राकेश सोनकर विनीत वर्मा सचिन कुमार वेद प्रकाश विश्वकर्मा वासु सक्षम आदि अनेक कार्यकर्ता पदाधिकारी उपस्थित थे
