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चैत्र नवरात्रि : हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, होंगे शुभ परिणाम

चैत्र नवरात्रि -30 मार्च से आरम्भ

*👉(आईये जानते हैं घटस्थापना मुहूर्त ,पूजन सामग्री,पूजन विधि एवं तिथिवार देवी पूजन)*

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*30 मार्च से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होने जा रही है. नवरात्र 30 मार्च से लेकर 6 अप्रैल तक रहेंगे. इस साल मैय्या रानी के नवरात्र रविवार से शुरू हो रहे हैं, इसलिए माता हाथी पर सवार होकर आएंगी. शास्त्रों में देवी की हाथी की पालकी को बहुत शुभ माना गया है.*

*नवरात्र का शुभारंभ प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना यानी कलश स्थापना के साथ होता है. नवरात्र की घटस्थापना में देवी मां की चौकी लगाई जाती है और 9 दिनों तक मैय्या के 9 अलग-अलग स्वरूपों की उपासना की जाती है. कलश को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है.*

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*(चैत्र नवरात्र घटस्थापना मुहूर्त)*

 

*घटस्थापना का मुहूर्त- 30 मार्च को सुबह 6 बजकर 13 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा, जिसकी अवधि 4 घंटे 8 मिनट की रहेगी.*

 

*अगर आप मुहूर्त में कलशस्थापना न कर पाएं तो अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना कर सकते हैं. अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से लेकर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा.*

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*(चैत्र नवरात्र पूजन विधि)*

 

*घट अर्थात मिट्टी का घड़ा. इसे नवरात्र के पहले दिन शुभ मुहूर्त के हिसाब से स्थापित किया जाता है. घट को घर के ईशान कोण में स्थापित करना चाहिए. घट में पहले थोड़ी सी मिट्टी डालें और फिर जौ डालें. फिर इसका पूजन करें. जहां घट स्थापित करना है, उस स्थान को साफ करके वहां पर एक बार गंगा जल छिड़ककर उस जगह को शुद्ध कर लें. उसके बाद एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं.*

 

*फिर मां दुर्गा की तस्वीर स्थापित करें या मूर्ति. अब एक तांबे के कलश में जल भरें और उसके ऊपरी भाग पर लाल मौली बांधें. उस कलश में सिक्का, अक्षत, सुपारी, लौंग का जोड़ा, दूर्वा घास डालें. अब कलश के ऊपर आम के पत्ते रखें और उस नारियल को लाल कपड़े से लपेटकर रखें. कलश के आसपास फल, मिठाई और प्रसाद रख दें. फिर कलश स्थापना पूरी करने के बाद मां की पूजा करें*

 

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*(चैत्र नवरात्र घटस्थापना सामग्री)*

 

*हल्दी, कुमकुम, कपूर, जनेऊ, धूपबत्ती, निरांजन, आम के पत्ते, पूजा के पान, हार-फूल, पंचामृत, गुड़ खोपरा, खारीक, बादाम, सुपारी, सिक्के, नारियल, पांच प्रकार के फल, चौकी पाट, कुश का आसन, नैवेद्य आदि*

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*(चैत्र नवरात्र की तिथि)*

 

*प्रतिपदा (मां शैलपुत्री): 30 मार्च 2025*

*द्वितीया (मां ब्रह्मचारिणी) और तृतीया (मां चंद्रघंटा): 31 मार्च 2025*

*चतुर्थी (मां कुष्मांडा): 1 अप्रैल 2025*

*पंचमी (मां स्कंदमाता): 2 अप्रैल 2025*

*षष्ठी (मां कात्यायनी): 3 अप्रैल 2025*

*सप्तमी (मां कालरात्रि): 4 अप्रैल 2025*

*अष्टमी (मां महागौरी): 5 अप्रैल 2025*

*नवमी (मां सिद्धिदात्री): 6 अप्रैल 2025*

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Author: Taja Report

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