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राष्ट्रीय लोक अदालत में तीन लाख उनतालीस हजार मामले निपटाए

मुजफ्फरनगर । जनपद न्यायालय मुजफ्फरनगर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मुजफ्फरनगर डा० अजय कुमार-II द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। जनपद न्यायाधीश द्वारा अपने सम्बोधन में राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए यह कहा गया कि लोक अदालत में होने वाले फैसले में हार जीत का कोई प्रश्न नहीं रह जाता है, क्योंकि जब वादकारी आपसी समझौते के आधार पर वाद का निस्तारण करते हैं तो उनके मध्य आपसी सौहार्द बना रहता है एवं उनके अमूल्य समय की बचत भी होती है। उनके द्वारा यह भी कहा गया कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य वादकारियों को सरल, सुलभ एवं त्वरित न्याय प्रदान करना है।

जनपद न्यायाधीश द्वारा सभागार में उपस्थित बैंक अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया कि वे ऋण के मामलों में ग्राहकों को अधिकतम छूट देते हुए प्रकरणों का निस्तारण करना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय श्री खलीकुज्जमा ने पारिवारिक मामलों को सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित किये जाने पर बल दिया। आज लोक अदालत में पारिवारिक न्यायालयों के द्वारा 132 मामलों का सुलह समझौते के आधार पर निस्तारण किया गया।

लोक अदालत के नोडल अधिकारी अपर जिला जज श्री अंजनी कुमार सिंह द्वारा अपने सम्बोधन में यह कहा गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत लोक अदालत विवादों को सुलह-समझौते के माध्यम से निस्तारित कराने का एक बहुत बड़ा माध्यम है तथा त्वरित न्याय प्राप्त करने का एक अत्यन्त महत्वपूर्ण साधन है। लोक अदालत समाज के वंचित और कमजोर वर्ग के व्यक्तियों के लिये वरदान साबित हो रही है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुजफ्फरनगर के सचिव श्री रितिश सचदेवा द्वारा यह बताया गया है कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल तीन लाख उनतालीस हजार तीन सौ छः (3,39,306) प्रकरण निस्तारित किये गये।

इस लोक अदालत में एक निर्धन किसान श्री इलयास निवासी सिखेडा मुजफ्फरनगर का एक ऋण सम्बन्धी विवाद केनरा बैंक शाखा सिखेडा के साथ चल रहा था, जिसका सफलतापूर्वक निस्तारण आज आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में किया गया । इस ऋण की मूल राशि मय ब्याज 14,73,690/- (चौदह लाख तिहत्तर हजार छः सौ नब्बे) रूपये थी जिसका निस्तारण मात्र 3 लाख रूपये मे किया गया जो इस लोक अदालत की प्रासंगिगता व सफलता को दर्शाता है। श्री इलयास द्वारा माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुजफ्फरनगर तथा बैंक का हृदय से आभार व्यक्त किया गया। इस महत्वपूर्ण प्रकरण का सफलतापूर्वक निस्तारण इस तथ्य का परिचायक है कि बैंक व पक्षकार दोनो का ही अटूट विश्वास लोक अदालत के माध्यम से सुलह समझौते से ऋण प्रकरणों के निस्तारण में है तथा वादकारी आशान्वित हैं कि भविष्य में उनके ऐसे मामलों का लोक अदालत के माध्यम से सुगमता से निस्तारण हो सकेगा।
पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण श्रीमती आदेश नैन के द्वारा कुल 69 वादों का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत में किया गया व 5.22.47.438/- रूपये प्रतिकर प्रदान किया गया।

जनपद न्यायालय मुजफ्फरनगर, के विभिन्न न्यायालयों के द्वारा कुल 6341 शमनीय फौजदारी एवं 89 दीवानी वादों का निस्तारण करते हुए शमनीय फौजदारी वादों मे

18,69,240 /- रूपये का अर्थदण्ड वसूल किया गया तथा दीवानी वादों में 1,25,92,395.92 रूपये का उत्तराधिकार आदि का अनुतोष प्रदान किया गया।

जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर, श्री उमेश मिश्रा के नेतृत्व में राजस्व अधिकारियों द्वारा कुल 10669 राजस्व मामलों का निस्तारण कर 2,07,15,460/- रूपये का राजस्व वसूल किया गया ।

इस राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न बैंकों के द्वारा 717 बैंक ऋण मामले निस्तारण कराकर लगभग 8 करोड़ 69 लाख 51 हजार रूपये की धनराशि का सेटलमेंट किया गया।

इस अवसर पर जिला बार संघ के अध्यक्ष श्री प्रमोद त्यागी, महासचिव श्री सुरेन्द्र कुमार मलिक, सिविल बार संघ के महासचिव श्री सतेन्द्र कुमार, अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम श्री गोपाल उपाध्याय, अपर जिला जज श्री अशोक कुमार, श्री सीताराम, श्री कनिष्क कुमार सिंह, श्री काशिफ शेख, श्री दिनेश प्रताप सिंह, श्रीमती रीमा मल्होत्रा, श्रीमती दिव्या भार्गव, श्रीमती मंजुला भलोटिया, श्री निशान्त सिंगला, श्री कमलापति प्रजापति, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती कविता अग्रवाल, भारतीय स्टेट बैंक के डी०जी०एम० श्री राजकुमार सिंह, ए०जी०एम० श्री सुधीर कुमार व लीड बैंक डिस्ट्रिक्ट मैनेजर श्री सुरेन्द्र सिंह, सहित समस्त न्यायिक अधिकारीगण, समस्त बैंको के अधिकारी एवं बडी संख्या में वादकारी उपस्थित रहे।

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Author: Taja Report

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