नई दिल्ली। सूरजमल मेमोरियल एजुकेशन सोसाइटी, जनकपुरी के चुनाव में भाजपा के जाट दिग्गज धराशायी हो गये। कप्तान सिंह पैनल ने 21 में से 21 सीटें जीतकर चुनाव में सफलता हासिल की। इस चुनाव में 3000 से अधिक मतदाताओं ने भाग लिया, और विजयी पैनल के सदस्यों को औसतन 1700 से 1800 वोटों का समर्थन प्राप्त हुआ।
भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव को मूछों का सवाल बना लिया था। इस प्रतिष्ठा के चुनाव में भाजपा समर्थित पैनल को प्रशासनिक और चुनावी रणनीति के बावजूद भारी पराजय का सामना करना पड़ा। चुनाव को जीतने के लिए वेस्ट यूपी और हरियाणा के विभिन्न जिलों से जाट नेताओं को मैदान में उतारा गया था। प्रदेश अध्यक्ष समेत तमाम दिग्गज मैदान में उतरे। धनबल और बाहुबल का भी सहारा लिया गया, लेकिन मतदाताओं ने निष्पक्षता और संस्था की गरिमा को प्राथमिकता दी। कुछ भाजपा नेताओं के भितरघात करने की भी चर्चा है।
मतदान के दौरान प्रचार की आक्रामकता और प्रशासनिक हस्तक्षेप ने भी संस्था से जुड़े लोगों को हैरान किया। मतदान केंद्रों पर कुछ अव्यवस्थाओं और असहज परिस्थितियों की खबरें भी आईं, लेकिन इसके बावजूद शिक्षा और संस्थान के मूल्यों को ध्यान में रखते हुए मतदाताओं ने स्वतंत्र रूप से निर्णय लिया।
महाराजा सूरजमल मेमोरियल एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना 1975 में हुई थी, जिसका उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से समाज में जागरूकता और विकास को बढ़ावा देना था। इस संस्था के अंतर्गत महाराजा सूरजमल इंस्टीट्यूट और महाराजा सूरजमल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी संचालित होते हैं, जो कि दिल्ली के प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों में शामिल हैं।
