मुजफ्फरनगर। भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभागार में साइबर अपराध एवं उससे बचाव के सम्बन्ध में “सेफर इंटरनेट दिवस” के अंतर्गत एक साइबर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि आज के युग में इंटरनेट हमारी दैनिक जीवनशैली एवं कार्यशैली का अभिन्न अंग बन चुका है। तथा आम जनमानस की सहूलियत एवं EASE ऑफ़ वर्किंग के लिए ई – गवर्नेंस, शासन एवं प्रशासन की प्राथमिकता में है, जिस दिशा में सरकारी कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रक्रिया के क्रियान्वन एवं अन्य ई- गवर्नेंस प्रोजेक्ट्स के चलते भविष्य में सरकारी कामकाज में इंटरनेट प्रौद्योगिकी का उपयोग काफी बढ़ जायेगा जिसके दृष्टिगत इसके सुरक्षित उपयोग हेतु हम सभी को साइबर अपराध एवं उससे बचाव का ज्ञान होना आवश्यक बन चुका है। अपर जिलाधिकारी (वि०/रा०) श्री गजेंद्र कुमार द्वारा बताया गया कि सभी कर्मचारियों को बैंक खाते की सुरक्षा हेतु नियमित अंतराल पर अपना पासवर्ड बदलने के साथ ही बैंक की अधिकृत मोबाइल ऐप/नेटबैंकिंग के माध्यम से अपने बैंक खाते के लेनदेन पर नजर बनाये रखना चाहिए जिससे किसी भी प्रकार की विसंगति की स्थिति में अपने बैंक से तत्काल संपर्क स्थापित करते हुए आवश्यक कार्यवाही अमल में लानी चाहिए। “लालच बुरी बला” – का उदाहरण देते हुए बताया गया कि सभी व्यक्तियों को बिना किसी भी प्रकार के लालच/प्रलोभन में आते हुए साइबर सुरक्षा का ध्यान रखते हुए अनावश्यक कॉल/मैसेज में अपनी जानकारी शेयर नहीं करनी चाहिए। इस कारण आपके डाटा की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है जिसके परिणाम स्वरूप आप साइबर अपराध के शिकार बन सकते हैं।
पुलिस अधीक्षक (अपराध) प्रशांत प्रसाद द्वारा समस्त अधिकारीयों से साइबर हाइजीन को अमल करने एवं साइबर सुरक्षा हेतु अपने साथ ही अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को भी निम्नलिखित उपायों का उपयोग करने हेतु प्रशिक्षित करने का अनुरोध किया गया।*
1) मजबूत पासवर्ड का चयन????- न्यूनतम 12 अक्षरों का एक मजबूत पासवर्ड बनाने के साथ ही पासवर्ड में नाम/जन्मतिथि आदि का प्रयोग न करना।
2) 2 Factor Authorisation ????: अपने अकाउंट्स में अनाधिकृत लॉगिन से बचाव हेतु 2 Factor Authorisation को सदैव ऑन रखें।
3) मजबूत स्क्रीन लॉक एवं बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण सेट करें।
4) केवल विश्वसनीय स्त्रोतों✅ से ऐप्स डाउनलोड करें।
5) सुरक्षित कनेक्शन का उपयोग: बैंक खाते से लेनदेन में सुरक्षित नेटवर्क का उपयोग करें, पब्लिक वाईफाई का उपयोग न करें।
6) किसी भी माध्यम से प्राप्त संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
7) नियमित रूप से सॉफ्टवेयर एवं ऐप्स अपडेट करें।
8) उपयोग के पश्च्यात अपने कार्यस्थल को छोड़ने से पहले सिस्टम एवं ब्राउज़र में उपयोग किये जाने वाले अकाउंट लॉगआउट करना सुनिश्चित करें।
9) उपयोग के दौरान अपने वर्कस्टेशन में किसी अनधिकृत हार्डवेयर डिवाइस का इंस्टालेशन चेक कर लें।
साथ ही उन्होनेंं समस्त सरकारी अधिकारीयों एवं कर्मचारियों को विभिन्न प्रकार के साइबर अपराध जैसे Phishing, Vishing, Spam Message Links, Smishing आदि के बारे में विस्तृत रूप से बताते हुए उनसे बचाव हेतु उपाए बताये गए तथा किसी भी प्रकार के साइबर अपराध की शिकायत 1930 अथवा cybercrime.gov.in पर किसी भी स्थान से की जा सकती है अथवा नजदीकी थाने में संपर्क किया जा सकता है। उनके द्वारा बताया गया कि हाल ही के दिनों में “Digital Arrest” की काफी घटनाएं घटित हुई हैं जोकि अवैध है। पुलिस प्रशासन द्वारा इस प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जाती है यदि पुलिस विभाग द्वारा कोई कॉल जाती है तो वह आपकों पुलिस थाना बुलायेगा अथवा आपके घर पर सम्पर्क करेगेंं। अतः इस प्रकार की किसी भी अनजान नंबर से वीडियो कॉल इत्यादि प्राप्त न करें।
जिला सूचना विज्ञान अधिकारी द्वारा बताया गया कि सभी सरकारी अधिकारीयों एवं कर्मचारियों को सरकारी कामकाज के लिए किसी अन्य सर्विस प्रोवाइडर के बजाये सदैव अपनी अधिकृत सरकारी nic.in/gov.in की ई-मेल का उपयोग करना चाहिए।
उक्त कार्यक्रम का संचालन जिला सूचना विज्ञान अधिकारी विनीत गर्ग, सहायक जिला सूचना विज्ञान अधिकारी आकांशा अग्रवाल , ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर प्रिन्स जैन द्वारा किया गया। इस दौरान समस्त जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
