हरिद्वार। पूर्व व वर्तमान विधायक विवाद प्रकरण के चलते प्रस्तावित महापंचायत व सर्व समाज की बैठक को देखते हुए हरिद्वार पुलिस जनपद में प्रभावी कानून व्यवस्था बनाए रखने हेतु हरिद्वार पुलिस प्रतिबद्ध है। जिसके चलते एसएसपी हरिद्वार के निर्देश पर मंगलौर पुलिस द्वारा पीएसी व पैरामिलिट्री फोर्स के साथ मिलकर मंगलौर क्षेत्रांतर्गत टिकोला कला, नारसन खुर्द, लखनौता चौक में फ्लैग मार्च निकाला गया।
इस बीच कुंवर प्रणव चैंपियन के फेसबुक पेज के जरिये किसान नेता राकेश टिकैत के सुलह प्रयास को खारिज कर दिया है। चैंपियन-उमेश विवाद में समझौते की कोशिश कर रहे टिकैत की बैठकों को भी खारिज करते हुए चैंपियन ने फेसबुक पेज पर किसानों के बड़े नेता महेंद्र सिंह टिकैत से अपने सम्बन्धों को भी याद किया। और लिखा कि- हमारे ताऊ जी के बेटे ने कैसे पुराने संबंधों को तरजीह न देकर एक वाहियात, दुष्वरित्र, झूठे की बात को तबज्जो देना बेहतर समझा?
मित्रो,
Kunwar Pranav Singh Champion
भाई राकेश टिकैत का विवादास्पद बयानः सच्चाई के सामने भ्रामक आरोपों की निंदा
“हमारा गौरवशाली संघर्ष और तपस्वी जीवन किसी झूठे, दुष्चरित्र व्यक्ति से तुलना के योग्य नहीं। जो भी स्वार्थी तत्व हमारी प्रतिष्ठा से खिलवाड़ कर रहे हैं, उन्हें स्पष्ट संदेश है कि इस प्रकार की बैठकों को हम अस्वीकार करते हैं।”
दरअसल दि.1-2-25 को भाई राकेश टिकैत जी ने आकर जो पेशकश की, जब खबरनफीसों ने उनका बयान अखबारों में छापा तो विरोधाभास दृष्टिगत हुआ, जिसकी आशा नहीं थी।
* क्या ये पटाक्षेप विधायक चुनावी नतीजे को लेकर था?
* क्या नीचे दिखाने का कमीनापन दोने तरफ से हुआ था ?
* क्या हारने वाले को चिढाने का काम हमारी तरफ से हुआ था?
* क्या बिरादरी को ढाल बना हमने उकसाया; या फिर 36 ‘कौम का सम्मान “अपने प्राचीन लंढौरा रियासत” के गौरव “रंग महल” को बताया और स्वयं को मात्र ट्रस्टी बताया स्वामी नहीं ?
* इतना सब कुछ साफ होने के बावजूद भी; आखिर कैसे ?
भाई राकेश टिकैत जी आंखें मूंदकर, एक पक्षीय बयान, दोषी के हक में दे गए वैसे तो बाबासाहेब महेंद्र सिंह टिकैत जी के पिताजी राजा नरेंद्र जी से मित्रवत संबंध थे । जब सन 2002 में प्रथम निर्दलीय विधायक निर्वाचित होकर उत्तम चीनी मिल के घटनेपर बाबा टिकैत जी से प्रथम बार हम मिले, तो हमारी Personality, Qualification युवावस्था में MLA से वह बहुत प्रसन्न हुए थे। फिर कई बार भेंट हुई और बाबा जी का आशीर्वाद हमें मिला।
लेकिन आखिर कैसे भला
हमारे ताऊ जी के बेटे ने कैसे पुराने संबंधों को तरजीह न देकर एक वाहियात, दुष्वरित्र, झूठे की बात को तबज्जो देना बेहतर समझा?
भाई साहब आपका नाम तो किसान कौम व मजदूरों के हित में संघर्ष करने पर है तो भला इस वह व्यभिचारी, अपराधी, चोर की वकालत क्यों?
इस बीच गुर्जर समाज ने सहारनपुर में बैठक कर महापंचायत का ऐलान कर देश भर के लाखों गुर्जर व सर्व समाज को उत्तराखण्ड के लंढौरा महल पहुंचने का आह्वान किया है। साथ ही निर्दल विधायक उमेश कुमार की सदस्यता रद्द करने को कहा है। यही नहीं, जेल में बंद चैंपियन की जमानत नहीं होने पर दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ मतदान की भी अपील की। बैठक के बाद गुर्जर समाज के अध्यक्ष वीरेंद्र गुर्जर ने वीडियो बयान जारी कर कहा कि शासन- प्रशासन ने उनकी मांगों को नहीं माना। और पांच फरवरी के बाद चैंपियन जेल से नहीं छूटेंगे।उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन अपने वादे से मुकर चुका है। लक्सर की महापंचायत को निरस्त करवा दिया गया था। वीरेंद्र गुर्जर ने कहा कि पांच फरवरी को चैंपियन को जमानत नहीं मिलेगी। और भी जुल्म होंगे। उन्होंने देश भर के गुर्जर समाज को उत्तराखंड का बार्डर घेरने को कहा। वीरेंद्र गुर्जर ने सभी से सोशल मीडिया के जरिये महापंचायत के प्रचार प्रसार की भी अपील की।
