Taja Report

Advertisements
Advertisements

केंद्रीय बजट पर मुजफ्फरनगर के उद्योग जगत ने दिखाया उत्साह

मुजफ्फरनगर। केंद्रीय बजट पर उद्योग जगत ने उत्साह दिखाया है-

केंद्रीय बजट 2025 एमएसएमइ सेक्टर को गति देने वाला बजट है। *टीडीएस और टी सी एस की सीमा में बढ़ोतरी* से नकदी प्रवाह सुगम होगा, जिससे छोटे उद्यमों को लाभ मिलेगा। *जी एस टी आर -1 दाखिल करने की प्रक्रिया आसान* होने से अनुपालन में सहूलियत होगी। एमएसएमइ के लिए *वित्तीय सहयोग और सामाजिक सुरक्षा कवरेज* में विस्तार एक सकारात्मक कदम है। यह बजट उद्यमशीलता को बढ़ावा देता है और उद्योगों को आत्मनिर्भर भारत की ओर ले जाने में सहायक होगा।

पवन कुमार गोयल

चेयरमैन, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आई आई ए)

एफडीआई का विरोध करने वाली पार्टी ने आज इंश्योरेंस सेक्टर में विदेशी निवेश को खुली छूट दे कर देसी के लिए अस्तित्व की लड़ाई बढ़ा दी ।रिसर्च व डेवलपमेंट पर 20 हज़ार करोड़ स्वागत योग्य है।मेडिकल व आईआईटी में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च व सीटे बढ़ाना अच्छा कदम।

इनकम टैक्स में राहत स्वागत योग्य। एमएसएमई व स्टार्टअप्स के लिए कुछ सुविधाएं अच्छा कदम।

शेयर बाज़ार को भी बजट रास नहीं आया मतलब उद्योग खुश नहीं है ।

*खट्टा ज़्यादा मीठा कम बजट*

*विपुल भटनागर*

पूर्व चेयरमैन आईआईए

इस बजट में एमएसएमई के लिए कुछ निराशाजनक और कुछ सकारात्मक घोषणाएं की गई हैं। एमएसएमई की मांगों में से कुछ प्रमुख मांगें जैसे कि ट्रेड्स पोर्टल को जीएसटी पोर्टल से जोड़ना, सुरक्षा निधि बनाना और फैक्टरिंग में बिना सप्लायर की मंजूरी के एमएसएमई के बिलों को डिस्काउंट देने की सुविधा शामिल नहीं की गई हैं।

हालांकि, कुछ सकारात्मक घोषणाएं भी की गई हैं जैसे कि एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी योजना की सीमा बढ़ाना, मुद्रा लोन की सीमा बढ़ाना और छोटी कंपनियों के विलय को सरल बनाना ²। इसके अलावा, व्यक्तिगत करदाताओं के लिए शून्य आयकर स्लैब को 12 लाख रुपये प्रति वर्ष तक बढ़ाना भी एक स्वागत योग्य कदम है ¹।

लेकिन एमएसएमई के लिए निवेश और टर्नओवर की सीमा बढ़ाने से बड़े कंपनियों को फायदा हो सकता है, जिससे एमएसएमई के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है ¹। इसके अलावा, स्टील पर आयात शुल्क बढ़ाने से एमएसएमई के लिए कच्चे माल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे वे निर्यात बाजार में प्रतिस्पर्धी नहीं रह सकते हैं ¹।

अमित जैन

सचिव

आई आई ए

बजट 2025 में सबसे महत्वपूर्ण जोर बुनियादी ढांचे पर दिया गया है। सरकार ने इसके लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित की है, जिससे न सिर्फ टिकाऊ विकास होगा बल्कि पूरे देश में कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी, और अर्थव्यवस्था को जरूरी बढ़ावा मिलेगा।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के विकास को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने खास ध्यान केंद्रित किया है।

राहुल मित्तल

युवा उधमी, मित्तल कंटेनर

केंद्रीय बजट 2025 में टेक्नोलॉजी और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए *₹500 करोड़ AI और ₹20,000 करोड़ R&D* का प्रावधान सराहनीय है। *IIT पटना का विस्तार* एक सकारात्मक कदम है और मुझे यह देखकर खुशी हुई क्योंकि मैं खुद *IIT पटना से जुड़ा हूं*। लेकिन आईटी स्टार्टअप्स और सॉफ्टवेयर कंपनियों को कोई सीधा कर लाभ या प्रोत्साहन नहीं दिया गया, जो निराशाजनक है। *GST सरलीकरण और स्टार्टअप टैक्स बेनेफिट्स* जैसी नीतियों की जरूरत थी, जो इस बजट में नहीं दिखीं। सरकार ने टेक्नोलॉजी सेक्टर की भूमिका को पहचाना जरूर है, लेकिन इसे और ठोस समर्थन की आवश्यकता है।

**अमन गुप्ता**

**संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक, Faspi Enterprises Pvt. Ltd. (Marwari Software)**

मिताशी जैन (बिजनेस ऑनर)

शीतल लेजर आर्ट गैलरी

 

भारत की वित्तमंत्री आदरणीय निर्मला सीतारमण जी ने आज (1 फरवरी 2025)को मोदी 3.0का यूनियन बजट पेश किया है, वित्तमंत्री का यह लगातार आठवां बजट है

इस बार( 2025-2026)के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने एक तरफ मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देने की घोषणा की है नौकरी पेशा एवं मध्यम वर्ग की इंडस्ट्रीज को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रूपये तक की वार्षिक आय को पूरी तरह से आयकर से छूट देने की घोषणा की है

जो कि वास्तव में मध्यम वर्ग एवं छोटे स्टार्टअप वर्गों के लिए सही रहेगी

धन्यवाद

Taja Report
Author: Taja Report

Advertisements

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *