प्रयागराज । भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक द्वारा आयोजित तीन दिवसीय किसान महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में किया गया। यह किसान महाकुम्भ प्रयागराज में ऋषि और कृषि के अनूठे संगम का प्रतीक बना। महाकुम्भ एक ऐसा पवित्र पर्व है जहां किसान ही नही बल्कि समस्त विश्व का प्राणी एकत्रित होकर अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढते हैं और शांति प्राप्त करते हैं! इस महाकुंभ में गए किसानों की कहानियां बहुत ही प्रेरणादायक हैं। इन किसानों ने अपनी मेहनत और लागत से अपनी फसलें उगाई हैं लेकिन उन्हें अपनी फसलों का वाजिब दाम न मिलने पर अपने अधिकारों के लिए लड़ने का प्रण गंगाजल की सौगंध लेकर करते हैं!
इस ऐतिहासिक महाकुम्भ में किसानों की एकता ,संगठन क्षमता ,ओर संघर्ष की भावना का एक अलग ही रूप देखने को मिला। सम्पूर्ण भारत से आये किसानों ने अनुशासन का परिचय देते हुए पैदल मार्च कर पवित्र संगम में डुबकी लगा कर देश के प्रधानमंत्री जी के नाम एक ज्ञापन प्रेषित किया जिसमें किसानों के सामने आ रही समस्याओ का उल्लेख किया गया व उनसे मांग की गई इन समस्याओं का निस्तारण व्यक्तिगत रूप से समझ कर किया जाए !
वैसे तो मुख्य रूप से ये प्रचलित है कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है किंतु सभी साथियो सहित मैं समस्त देशवासियों से प्रार्थना कर के बताना आपको विशेष रूप से बताना चाहता हु की भविष्य में यदि कोई आपदा या महामारी आती है तो हमारे देश का किसान अपने किसी देशवासी के सामने कभी भी अन्न का संकट नही आने देगा!
कोरोना जैसी गम्भीर महामारी में देश के किसान सर्वप्रथम आगे आये और जान की परवाह न करते हुए अन्न सेवा की! इसलिए आप सभी से प्रार्थना है कि हमारे देश के किसान को समर्थन दे व उसकी समस्याओ को समझ कर उनका निदान करने में सहायक सिद्ध हो। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक द्वारा आयोजित किसान में लाखों किसानो ने भाग लिया।
कुंभ में एक दुःखद हादसा महाकुम्भ में जो घटित हुआ है वह बहुत ही शोक प्रदान करने वाला है। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक की ओर से हमारी सम्वेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ है और ईश्वर से प्रार्थना है कि इस हादसे में पीड़ित परिवारों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करे!
