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आईएमए ने कॉमन चेस्ट प्रॉब्लम्स व उनके सर्जिकल सॉल्यूशंस” विषयों पर किया सीएमई का आयोजन

मुजफ्फरनगर । इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन ब्रांच मुज़फ़्फ़र नगर द्वारा “फ़ार्माकोजेनोमिक” व “कॉमन चेस्ट प्रॉब्लम्स व उनके सर्जिकल सॉल्यूशंस” विषयों पर सी॰एम॰ई॰ का आयोजन किया गया।

सर्कुलर रोड स्थित आई एम ए हॉल में एक सतत चिकित्सा शिक्षा (सी॰एम॰ई॰) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अध्यक्ष डॉ सुनील चौधरी ने की व संचालन डॉ अनिल कक्कड़ ने किया। प्रेसिडेंट इलेक्ट डॉ यश अग्रवाल ने सभी का स्वागत व धन्यवाद किया। इस बार अजीलस डायग्नोस्टिक्स से पधारे डॉ मनमोहन पांडेय ने फार्माकोजेनोमिक विषय पर व और डॉ अनिल कपूर , वक्ष व कार्डियोवैस्कुलर सर्जन ने कॉमन चेस्ट प्रॉब्लम-सर्जिकल सॉल्यूशंस विषय पर व्याख्यान दिया । फार्माकोजेनोमिक्स चिकित्सा का एक क्षेत्र है जो इस बात की जांच करता है कि किसी व्यक्ति की आनुवंशिक संरचना उसके शरीर द्वारा कुछ दवाओं के प्रसंस्करण को कैसे प्रभावित कर सकती है। इसमें आनुवंशिक परीक्षण शामिल है जो विशिष्ट जीन में परिवर्तनों की तलाश करता है। फार्माकोजेनोमिक्स एक तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है। फार्माकोजेनोमिक्स, सटीक चिकित्सा के क्षेत्र का हिस्सा है। यह वह उपचार है जो आपके जीन, पर्यावरण और जीवनशैली के आधार पर वैयक्तिकृत होता है। फार्माकोजेनोमिक्स आपके चिकित्सक को ऐसी दवा लिखने में मदद कर सकता है जिससे कम दुष्प्रभाव हों या जो आपके लिए इलाज में प्रभावी हो सके , बेहतर काम कर सके।वर्तमान में, चिकित्सक केवल सीमित संख्या में स्वास्थ्य स्थितियों और दवाओं के लिए फार्माकोजेनोमिक्स का उपयोग करते हैं। उदाहरणों में एचआईवी , कुछ कैंसर , अवसाद और हृदय रोग के लिए कुछ दवाएं शामिल हैं । लेकिन चिकित्सा का यह क्षेत्र तेजी से बदल रहा है और आगे बढ़ रहा है। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि फार्माकोजेनोमिक्स जल्द ही चिकित्सकों को कई सामान्य स्थितियों के प्रबंधन के लिए बेहतर दवाएँ चुनने में मदद कर सकेगा। डॉ अनिल कपूर ने छाती से संबंधित विभिन्न व्याधियों के बारे में विस्तार से बताया व बताया की छाती के विभिन्न रोगों जैसे छाती में पानी भर जाना , मवाद पड़ जाना किसी बीमारी या एक्सीडेंट आदि के कारण खून या हवा का भर जाना, टी बी के पुराने मरीज जिनमे दवाईयां काम नहीं कर रही कैंसर व एक्सीडेंट आदि के केस में छाती चोट या गोली आदि का लग जाना आदि का लग जाना आदि के इलाज में दूरबीन द्वारा या छाती खोलकर ऑपरेशन करना एक बेहतर व कारगर चिकित्सा विकल्प है । यदि समय से व कुशल विशेषज्ञ चिकित्सक से यह उपचार मिल जाए तो मरीज ठीक हो जाता है व उसकी जान बचाई जा सकती है l बाद में प्रश्नोत्तर काल में विषय विशेषज्ञों ने उपस्थित चिकित्सकों की शंकाओं का समाधान भी किया ।
सभा में काफ़ी संख्या में चिकित्सक उपस्थित थे जिसमें मुख्य रूप से मीडिया प्रभारी डॉ सुनील सिंघल, कौषाध्यक्ष डॉ ईश्वर चंद्र , डॉ अशोक कुमार, डॉ आर एन गंगल, डॉ आमोद कुमार, डॉ रवींद्र जैन , डॉ अजय सिंघल, डॉ हरीश कुमार , डॉ कुलदीप सिंह चौहान ,डॉ सिद्धार्थ गोयल, डॉ पी के चाँद, डॉ अशोक शर्मा, डॉ पंकज अग्रवाल, डॉ डी पी सिंह, डॉ डी के शर्मा , डॉ रोहित गोयल, डॉ रवि त्यागी, डॉ पंकज सिंह, डॉ योगेन्द्र कुमार, डॉ अनुज माहेश्वरी, डॉ राजीव काम्बोज ,डॉ अरविंद सैनी , डॉ सुजीत कुमार सिंह, डॉ विभोर कुशवाह , डॉ रजा फारूकी, डॉ निधि अग्रवाल, डॉ रेणु अग्रवाल, डॉ दिव्या त्यागी आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे ।
अतुल कुमार व दीपक कुमार का विशेष सहयोग रहा ।

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Author: Taja Report

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