मुजफ्फरनगर । नगर पालिका परिषद में विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। बार-बार टेंडर के पुल होने की खबर बाहर आती है। जिलाधिकारी द्वारा शक्ति के आदेश भी दिए गए हैं । लेकिन पालिका के कर्ताधर्ता शायद सुधारने का नाम नहीं ले रहे हैं।
नगर पालिका में टेंडर भरे जाने थे। जिसको लेकर टेंडर भरने के लिए ठेकेदार लाइन में लगे हुए थे ।ऐसे में जब दो ठेकेदार टेंडर डालने पहुंचे तो वहां मौजूद सभासदों ने उन्हें टेंडर डालने से रोक दिया।
उन्होंने कहा है कि हम पूल कर चुके हैं और यह तय किया जा चुका है कि किसी ठेकेदार को कौन सा काम देना है । आप टेंडर नहीं डाल पाएंगे जिसको लेकर हंगामा हुआ। जिसकी सूचना जिलाधिकारी उमेश मिश्रा को मिली तो उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप को तत्काल मौके पर जांच करने के लिए भेजा।
ठेकेदार तुषार पिशाचिया और अभिमन्यु चौहान ने जिलाधिकारी को दिए शिकायत पत्र में आरोप लगाया है कि जब वह नगर पालिका में 11:00 बजे टेंडर भरने के लिए गए तो वह कई सभासदों ने उन्हें टेंडर भरने से रोका उन्होंने बताया कि सभासद मनोज वर्मा व राजीव शर्मा द्वारा उनके साथ गाली गलौज धक्का मुक्की करने के उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई। उन्हें टेंडर भरने से रोका गया है उन्होंने दोनों सभासद के समेत दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
जिलाधिकारी को जैसे ही इस मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप को मौके पर भेजा और मामले की जांच पड़ताल कर कार्रवाई करने के आदेश दिए।
बताया जा रहा है कि जिलाधिकारी के आदेश पर सारे टेंडर ऑनलाइन करने के आदेश हुए थे ,लेकिन नगर पालिका में ई टेंडर के बावजूद कुछ कागजात पालिका में जमा करने होते हैं तभी टेंडर माना जाता है। जिलाधिकारी ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच का भरोसा पीड़ितों को दिलाया है।
