मुजफ्फरनगर। श्री राम कॉलेज के बायोसाइंस विभाग द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस पर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
आज श्रीराम कॉलेज, मुजफ्फरनगर के बायोसाइंस संकाय के संयुक्त तत्वाधान मे नेताजी सुभाषचन्द्र बॉस जी की 128 वी जयन्ती को पराक्रम दिवस के रुप मे उत्साह के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ आज के मुख्य अतिथि डा0 प्रेरणा मित्तल, प्राचार्या, श्रीराम कॉलेज एवं डा0 अशोक कुमार निदेशक श्रीराम कॉलेज, तथा डीन एकेडमिक डा0 विनित कुमार शर्मा द्वारा सम्मलित रुप से नेताजी सुभाषचन्द्र बॉस जी के चित्र पर पुष्प अर्पित करके किया गया ।
इस अवसर पर कार्यक्रम मे प्रश्नोत्तरी व चित्रांकन प्रतियोगिता आयोजित की गयी जिसमें उपस्थित छात्रों ने नेताजी के जीवन से जुडे विभिन्न पहेलुओ पर प्रकाश डाला। चित्रांकन प्रतियोगिता मे प्रथम स्थान पर रिया बी0एस0सी0 बायोटेक्नोलोजी तृतीय वर्ष, द्वितीय स्थान पर नमन धीमान बी0एस0सी0 माइक्रोबायोलोजी प्रथम वर्ष, वही तृतीय स्थान पर अनु शर्मा बी0एस0सी0 माइक्रोबायोलोजी प्रथम वर्ष रही। इसके अतिरिक्त प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता मे प्रथम स्थान पर नमन त्यागी बी0 एस0सी0 बायोटेक्नोलोजी प्रथम वर्ष, द्वितीय स्थान पर खुशी पंवार बी0एस0सी0 माइक्रोबायोलोजी प्रथम वर्ष, वही तृतीय स्थान पर मौ0 समीर बी0एस0सी0 बायोटेक्नोलोजी तृतीय वर्ष,रहे।
इस अवसर पर कार्यक्रम मे उपस्थित डा0 प्रेरणा मित्तल, श्रीराम कॉलेज ने कहा कि नेताजी सुभाषचन्द्र बॉस भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानीयो मे शामिल है जिनसे आज के दोर का युवावर्ग प्रेरणा लेता है। नेताजी के नारो से जैसे तुम मुझे खून दो मै तुम्हे आजादी दूँगा, जय हिन्द इत्यादि ने आजादी की लडाई मे नई उर्जा का संचार किया ।
इसके पश्चात डा0 अशोक कुमार निदेशक श्रीराम कॉलेज ने कहा कि सुभाष चंद बोस के मन में देशप्रेम, स्वाभिमान और साहस की भावना बचपन से ही बड़ी प्रबल थी। वे अंग्रेज शासन का विरोध करने के लिए अपने भारतीय सहपाठियों का भी मनोबल बढ़ाते थे। अपनी छोटी आयु में ही सुभाष ने यह जान लिया था कि जब तक सभी भारतवासी एकजुट होकर अंग्रेजों का विरोध नहीं करेंगे, तब तक हमारे देश को उनकी गुलामी से मुक्ति नहीं मिल सकेगी। जहां सुभाष के मन में अंग्रेजों के प्रति तीव्र घृणा थी, वहीं अपने देशवासियों के प्रति उनके मन में बड़ा प्रेम था।
इसके पश्चात कार्यक्रम मे उपस्थित बायोसाइंस विभागाध्यक्ष डा. विपिन सैनी ने कहा कि किसी राष्ट्र के लिए स्वाधीनता सर्वाेपरि है‘ इस महान मूलमंत्र को नवयुवाओं की नसों में प्रवाहित करने, तरुणों की सोई आत्मा को जगाकर देशव्यापी आंदोलन देने और युवा वर्ग की शौर्य शक्ति उद्भासित कर राष्ट्र के युवकों के लिए आजादी को आत्मप्रतिष्ठा का प्रश्न बना देने वाले नेताजी सुभाष चंद बोस ने स्वाधीनता महासंग्राम के महायज्ञ में प्रमुख पुरोहित की भूमिका निभाई।
इस अवसर पर कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से बायोसाइंस प्रवक्ता विकास त्यागी, अंकित कुमार,आशु, दिशा शर्मा, शबा राणा ,जेहरा हुसैनी, शालिनी मिश्रा,सचिन कुमार, मौ0सलमान, आयुषी पाल, तनु त्यागी, अनुप्रिया, दिव्या पाटियाल सुबोध कुमार तथा पिंकू कुमार आदि का योगदान रहा।
