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कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान ने की गरीब बंदियों के लिए आशीष सरीन द्वारा किए जा रहे कार्य की सराहना

मुजफ्फरनगर । कारागार विभाग के कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान ने गरीब बंदियों के लिए समाजसेवी आशीष सरीन द्वारा किए जा रहे कार्य की सराहना की है। जिला कारागार में मंत्री ने पैसे की कमी के कारण छोटे मोटे जुर्माने की रकम अदा ना कर पाने वाले बंदियों का जुर्माना अदा कर उन्हें मुक्त कराने के लिए आशीष सरीन द्वारा किए जा रहे कार्यों को बेहतरीन पहल बताया। उन्होंने जेल अधीक्षक अभिषेक चौधरी और जेलर राजेश कुमार सिंह के कार्यों की भी सराहना की।

गत दिवस मुजफ्फरनगर पधारने पर सर्वप्रथम कारागार के मुख्य द्वार पर उन्हें सलामी दी गयी तथा स्मृति पटल पर पुष्प अर्पित किये। इसके तत्पश्चात कारागार पाकशाला में बन रहे बन्दियों हेतु बन रहे भोजन का निरीक्षण किया गया जिसमें भोजन की गुणवत्ता अच्छी पायी गयी तथा कारागार चिकित्सालय में भर्ती बीमार बंदियों का कुशलक्षेम पूछा और गर्म कम्बल वितरित किये। नवग्रह वाटिका में लगाये गये विभिन्न प्रकार के पौधों का भी अवलोकन किया। कारागार बेकरी के अहातें में उनके द्वारा वृक्षारोपण किया गया। साथ ही कारागार चिकित्सालय, बैरकों विडियों कान्फ्रेन्सिंग, कम्पयूटर कक्ष का निरीक्षण किया गया। जिला कारागार मुजफ्फरनगर में सुसज्जित पुस्तकालय का निरीक्षण किया गया और पुस्तकों का भी अवलोकन किया गया। कारागार में स्थापित की गयी पुस्तकालय में जाकर वहाँ रखी विभिन्न पुस्तकों को देखा और रख-रखाव की प्रशंसा की। कारागार भ्रमण के दौरान कारागार में निरूद्ध बंदियों से उनकी समस्याओं के सम्बन्ध में जानकारी ली गयी किसी बंदी द्वारा कोई समस्या नही बतायी गयी। निरीक्षण में कारागार की सफाई व्यवस्था ठीक पायी गयी। इस अवसर पर बंदियों को सम्बोधित करते हुये मंत्री महोदय ने कहा कि हमे यहाँ यह नहीं समझना चाहिये कि हम कोई सजा भुगत रहे है, बल्कि हमारी धारणा यह होनी चाहिये कि अज्ञातवास में आकर हमे चिन्तन एवं मंधन करने का मौका मिल रहा है और हमारी सोच यह हो कि जब हम जेल से रिहा होकर बाहर जाये, तो हमारे माता-पिता हम पर आत्मग्लानि महसूस न करे, बल्कि गर्व के साथ कहें कि उनका बेटा जेल गया था और बहुत ही नेक इंसान बनकर बाहर आया है। हमें अपने माँ-बाप की भावनाओं को समझते हुये एक अच्छा इंसान बनने में कहीं कोई कसर नहीं छोडनी चाहिये। क्योंकि किसी भी अपराध या बुराई का खामयाजा माता-पिता को ही भुगतना पडता है तथा सामाजिक प्रताडना अलग से सहनी पडती है। इसलिए हमें जेल में रहते हुये और जेल से रिहा होने के बाद एक आदर्श इंसान की भूमिका में होना चाहिए। मुजफ्फरनगर जेल का वातावरण बहुत अच्छा है और यहाँ पर बंदियों के हित में काफी अच्छे और सकारात्मक कार्य हुये है। मंत्री के सारगर्भित सम्बोधन से कई बंदी भावुक हुये तथा उनकी आंखे भर आयी, जिस पर मंत्री ने उनको पास बुलाकर हिम्मत दी और कहा कि जल्दी रिहा होकर मुख्य धारा समाज में अपना अविष्मर्णिय योगदान दे। साथ ही समाजिक संस्था आधार शिला ग्रामोत्थान सेवा संस्थान के द्वारा बंदियों के हित में चलाये जा रहे कम्प्यूटर प्रशिक्षण शिविर एवं महिला बंदियों में ब्यूटिशियन, सिलाई कटाई के प्रशिक्षण के पूर्ण होने पर प्रतिभागी बंदियों को प्रमाण-पत्र देकर उनके अच्छे भविष्य की कामना की और आशा जताई कि जेल से बाहर जाकर यह उनके भविष्य के लिए उपयोगी एवं सार्थक साबित होंगे। तत्पश्चात महिला बैरक का भ्रमण किया गया और महिला बंदियों से बातचीत की। महिला बंदियों के साथ रह रहे बच्चों के लिए बनाये गये केच की उन्होंने सराहना की। महिला बंदियों के बच्चों को खिलौने कपडे बिस्किट और महिला बन्दियों को गर्म कम्बल आदि वितरित किये गये। जेल अधीक्षक अभिषेक चौधरी ने संक्षिप्त में कारागार मुजफ्फरनगर की सराहनीय उपलब्धियों के बारे में बताया और कहा कि स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से कारागार में निरंतर बंदियों के उत्थान हेतु कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर हो रहा है तथा भविष्य में भी यह निरंतरता इसी प्रकार बनी रहेगी। इस अवसर पर जेलर राजेश कुमार सिंह, उप जेलर जयशंकर प्रसाद, दीपक सिंह, हेमराज सिंह, यशकेन्द यादव, फार्मासिस्ट मुकेश कुमार गुप्ता, कनिष्ठ सहायक सईद अहमद, विक्रान्त सिंह चौहान, श्रीमती रेनू वाजपेयी एवं अन्य स्टाफ उपस्थित रहे।

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Author: Taja Report

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