मकर संक्रांति पर घर में आम की लकड़ी से हवन करें. इसमें तिल से 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करते हुए आहुति दें. मान्यता है इससे घर में खुशहाली आती है. बीमारियां खत्म होती है. घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है.मकर संक्रांति पर तुलसी, तांबा, सुहाग सामग्री, तिल, झाड़ू खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है इससे सौभाग्य में वृद्धि होती है. जीवन में सुख का आगमन होता है.मकर संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्व है. इस दिन तिल, कंबल, लाल कपड़ा, लाल मिठाई, मूंगफली, चावल, मूंग की दाल की खिचड़ी, गुड़ और काली उड़द की दाल का दान करने से शनि, राहु-केतु, सूर्य की शुभता मिलती है.पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक पिता सूर्य देव से शनि देव के संबंध अच्छे नहीं थे. शनि के श्राप से जब सूर्य कुष्ठ रोग से पीडित हो गए तब उन्होंने अपने तेज से शनि और उनकी माता छाया का घर कुंभ जला दिया था. फिर उन्होंने इस बाद का पछतावा हुआ और शनि देव को दूसर घर प्रदान किया मकर. देवी पुराण में बताया गया है कि सूर्य देव जब पहली बार अपने पुत्र शनि देव से मिलने गए थे, तब शनि देव ने उनको काला तिल भेंट किया था और उससे ही उनकी पूजा की थी. इससे सूर्य देव अत्यंत प्रसन्न हुए थे. सूर्य ने शनि को आशीष दिया कि जब वे उनके घर मकर राशि में आएंगे, तो उनका घर धन-धान्य से भर जाएगा. तभी से मकर संक्रांति मनाई जाती है.मकर संक्रांति के मौके पर बर्तन में पानी, सिंदूर, लाल फूल और तिल मिलाकर सूर्य उदय होने पर अर्घ्य दें. सूर्य देव का ध्यान करते हुए तीन बार ‘ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नम:’ मंत्र बोलते हुए जल अर्पित करें.मकर संक्रांति के दिन स्नान के पहले कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए. मकर संक्रांति के दिन तिल का दान करना बहुत शुभ होता है. इस दिन काले तिल का दान करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या से राहत मिलती है.मकर संक्रांति पर सूर्य शनि देव से नाराजगी त्यागर उनके घर गए थे. मान्यता है इस दिन जल में काले तिल मिलाकर स्नान करने से शनि बेहद प्रसन्न होते हैं. साधक को 7 अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य फल प्राप्त होता है. वहीं तिल पुण्य काल मुहूर्त – सुबह 09.03 – सुबह 10.48
महापुण्य काल मुहूर्त – सुबह 09.03 – शाम 05.46
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 5.27 – सुबह 6.21
अभिजित मुहूर्त – दोपहर 12.09 – दोपहर 12.51
अमृत काल – सुबह 7.55 – सुबह 9.29
