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मानव जीवन को सुगम बनाने के लिय नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाना जरूरीः डा0 एससी कुलश्रेष्ठ

*’रिन्यूएबल एनर्जी फॉर सस्टेनेबल पॉवर सिस्टम’’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन*

श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलेजेज, मुजफ्फरनगर की इकाई श्री राम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ‘‘रिन्यूएबल एनर्जी फॉर सस्टेनेबल पॉवर सिस्टम’’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में हो रहे महत्वपूर्ण बदलावों और नवाचारों पर मंथन किया गया। इस सेमिनार के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता डॉ0 एस0सी0 कुलश्रेष्ठ, चेयरमैन श्री राम गु्रप ऑफ कॉलेजेज, मुजफ्फरनगर ने की। जबकि प्रो0 श्यामाकान्त झा, एनएसयूटी, नई दिल्ली मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सेमिनार में डॉ0 भवनेश कुमार, एनएसयूटी, नई दिल्ली ने मुख्य वक्ता के रूप में एडवांसमेंट एण्ड फ्यूचर डायरेक्शन इन सोलर फोटोवोल्टिक पर अपने विचार रखे।

उदघाटन सत्र के बाद दो तकनीकी सत्र आयोजित किये गये जिनमें देश के विभिन्न संस्थानों से 15 शोध पत्र प्रस्तुत किये गये। स्थानीय शिक्षकों एवं शोधार्थियों ने भी अपने शोध पत्र पढ़े और वैकल्पिक ऊर्जा व सस्टेनेबिलिटी पर सुझाव साझा किये। राष्ट्रीय सेमिनार के प्रथम सत्र में प्रो0 बी0एन0 कार सीमान्त इंजीनियरिंग कॉलेज, उड़ीसा ने इलैक्ट्रिकल व्हीकल शेपिंग द फ्यूचर ऑफ सस्टेनेबल मोबिलिटी पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया। डॉ0 राघवेन्द्र तिवारी, तीर्थांकर महावीर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद ने ‘‘प्रोटेक्शन कोर्डिनेशन इन डीजी बेस पावर सिस्टम’ विषय की गूढ़ जानकारी दर्शकों को दी। द्वितीय सत्र में डॉ0 अंकुर कुमार, श्री राम ग्रुप ऑफ कॉलेजेज, मुजफ्फरनगर ने ‘‘साइबर अटैक डिटैक्शन एण्ड क्लासिफिकेशन यूजिंग मशीन लर्निंग टैक्निक’’ विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर डॉ0 एस0 सी0 कुलश्रेष्ठ, चेयरमैन श्री राम गु्रप ऑफ कॉलेजेज ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में निरन्तर नवाचार व अनुसंधान से ही हम उद्योगों व समाज की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वे रिन्यूएबल एनर्जी को अपनायें और मानव जीवन को सुगम बनाने की दिशा में कार्य करें।

इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ0 एसएन चौहान ने परम्परागत ऊर्जा संसाधनों के क्षय को चिन्ताजनक बताया तथा कहा कि सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, थर्मल ऊर्जा, टाइडल ऊर्जा, भूगर्भीय ऊर्जा को विकसित करना व अधिकाधिक उपयोग में लाना ही ऊर्जा की जरूरत को पूरा कर सकता है। ऊर्जा का तार्किक उपयोग किया जाना चाहिए ताकि भावी पीढ़ियों को सुरक्षित भविष्य मिल सके।

सेमिनार का आयोजन इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के शिक्षकों, छात्रों और पेशेवरों के लिये एक सुनहरा अवसर था जिसमें उन्हें वर्तमान व भविष्य की तकनीकी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई। इस कार्यक्रम ने यह भी सिद्ध किया कि इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का भविष्य अत्यधिक रोचक और नवाचारी है।

सेमिनार में सम्मिलित हुए प्रमुख विशेषज्ञों में प्रो0 एस0एन0 चौहान, निदेशक श्री राम गु्रप ऑफ कॉलेजेज, मुजफ्फरनगर, डॉ0 गीरेन्द्र गौतम, प्रो0 सुचित्रा त्यागी, डॉ0 अंकुर कुमार, संयोजक रिन्युएबल एनर्जी फॉर सस्टेनेबल पावर सिस्टम एवं विभागाध्यक्ष, इलैक्ट्रिकल इंजी0, विकुल कुमार, इं0 रिचा गोला ने उक्त राष्ट्रीय सेमिनार में सह-संयोजक की भूमिका निभाई।

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Author: Taja Report

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