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रेडियो अभी भी लोगों के लिए पसंदीदा माध्यम

मुजफ्फरनगर । श्री राम कॉलेज के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा ” डिजिटल युग में रेडियो का भविष्य” विषय पर एक अथिति व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता सुरेंद्र कुमार आधाना, अनाउंसर आकाशवाणी केंद्र,रामपुर रहे। उन्होंने ” डिजिटल युग में रेडियो का भविष्य” विषय पर बोलते हुए कहा कि रेडियो सूचना, मनोरंजन और शिक्षित करने वाली एक सदी है। रेडियो निरंतर लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने का माध्यम है। आज के दौर में भले ही इंटरनेट का स्तर और प्रसार काफी बढ़ गया है लेकिन कई घरों से वह पारंपरिक रेडियो के बजने की आवाज आज भी सुनी जाती है। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में रेडियो के माध्यम से जो जनमाध्यम का वृहद रूप ग्रहण किया गया है और यह अपनी व्यापक पहुंच के कारण ही लोकतंत्र की अवधारणा को साकार करता है। समाज का सबसे अंतिम व्यक्ति भी इसके उच्चारित शब्दों को सुनने के लिए अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भावना करता है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता न केवल लोगों के व्यक्तित्व के विकास के लिए आवश्यक है बल्कि राष्ट्र के विकास के लिए भी आवश्यक है। यह भी कहा गया है कि – “आवाज का जादू सर चढ़ कर बोलता है” और इस जादू का उपयोग सामाजिक और राष्ट्रीयता के लिए किया जाता है जो रेडियो को भविष्य में भी बनाए रखने की संभावना रखता है। साथ ही उन्होंने बच्चों को सूचना प्रसारण मंत्रालय, प्रेस इन्फोर्मेशन ब्यूरो, तथा रजिस्ट्रार ऑफ़ न्यूज़पेपर्स फ़ॉर इंडिया के बारे में अवगत कराया उन्होंने रेडियो के बारे में जानकारी देते हुए रेडियो पर प्रसारित होने वाले सभी कार्यक्रमों के बारे में बहुत ही गहन जानकारियो से अवगत कराया उन्होंने आकाशवाणी के ऑर्गेनाइजिंग स्ट्रकचर को छात्रों को समझाया। साथ ही उन्होंने छात्रों को आकाशवाणी में प्रोग्राम शुरू होने पर किस तरह का संगीत चलाया जाता है सुनाया। विद्यार्थियों ने कार्यक्रम मे बड़े हर्षाेल्लास के साथ बढचढकर हिस्सा लिया। इस दौरान प्रश्नोत्तर का भी आयोजन किया गया और सुरेंद्र कुमार आधाना ने छात्रों द्वारा किए गए सभी प्रश्नों के संतुष्टि परख उत्तर दिए।

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रही कॉलेज की प्राचार्या डा0 प्रेरणा मित्तल ने विद्यार्थियों से कहा कि आज की दुनिया में मोबाइल फोन, कंप्यूटर और टैबलेट जैसे हाई-टेक गैजेट हैं, लेकिन ज़्यादातर लोग अक्सर पूछते हैं कि रेडियो अभी भी क्यों मौजूद है। 1890 के दशक में अपने आविष्कार के बाद से रेडियो एक शक्तिशाली उपकरण बना हुआ है। प्रौद्योगिकी में प्रगति के कारण, रेडियो में और भी बेहतर सुविधाएँ शामिल होती जा रही हैं।

अंत मे पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष रवि गौतम ने सुरेंद्र कुमार आधाना,जी का धन्यवाद ज्ञापित किया, तथा विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि रेडियो नई तकनीकों को आत्मसात करने और नई पीढ़ियों के अलग-अलग स्वादों के अनुकूल होने के कारण अधिक मजबूत बनकर उभरा हैं। इसलिए, रेडियो लोगों के लिए पसंदीदा माध्यम बना हुआ हैं। रेडियो आपको दुनिया भर में व्यापक रूप से रिपोर्ट की जाने वाली खबरें प्राप्त कराता हैं। इसके अलावा, रेडियो प्राकृतिक आपदाओं के मामले में अंतिम माध्यम बना हुआ हैं। इसके अलावा, ये उपकरण वहां जाते हैं जहां बिजली और मोबाइल सिग्नल जैसी नई तकनीकें नहीं पहुंच पाती हैं। ये तकनीक रेडियो को दूरदराज के क्षेत्रों में सूचना देने का सबसे प्रभावी तरीका बनाती है।

इस अवसर पर श्रीराम कॉलेज की प्राचार्या डा0 प्रेरणा मित्तल, श्रीराम कॉलेज एवं विभागाध्य रवि गौतम द्वारा द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि श्री सुरेन्द्र कुमार अधाना, अनाउंसर आकाशवाणी केंद्र,रामपुर को स्मृति चिन्हन देकर एवं पट्टिका पहनाकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम का सफल संचालन कहकशा मिर्ज़ा, सहायक प्रध्यापक पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डा0 प्रेरणा मित्तल, प्राचार्य श्रीराम कॉलेज, मुजफ्फरनगर, डीन मैनेजमेंट डा0 सौरभ मित्तल, विभाग के प्रवक्तागण शिवानी बर्मन, कहकशा मिर्जा, तथा महाविद्यालय के अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।

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Author: Taja Report

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