मुज़फ्फरनगर : तान्या वर्मा मुंबई के भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र से प्रशिक्षण के बाद परमाणु शक्ति के संयोजन में जुटी हैं। तान्या बताती हैं कि अनुसंधानपरक कार्य में परमाणु ऊर्जा को रेग्युलेट करने की जिम्मेदारी निभा रही हैं।
म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के….फिल्म दंगल का यह डायलॉग जिले की मेहनतकश और हुनरमंद बेटियों के लिए एकदम सटीक है। ऐसी ही एक बेटी हैं तान्या वर्मा, जिन्होंने बचपन से कुछ बड़ा करने के अरमान संजोए। कड़ी मेहनत के बाद परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड में चयन हुआ। बेटी ने माता पिता का नाम तो रोशन किया ही, साथ ही वह अन्य लड़कियों के लिए प्रेरणा बन गई।
साधारण नौकरी पेशा परिवार से ताल्लुक रखने वालीं तान्या के सपने बड़े थे। पिता सुशील कुमार मोरना की द गंगा किसान सहकारी चीनी मिल में कार्यरत हैं। उनकी माता बबीता गृहिणी हैं। माता-पिता ने संस्कारों के साथ-साथ ऊंची उड़ान के लिए हमेशा हौंसला दिया।
वर्ष 2011 में मुजफ्फरनगर के एसडी पब्लिक स्कूल से हाईस्कूल किया। वर्ष 2013 में इंटर की परीक्षा पास की। सपनों को पंख लगाने के लिए यहां से दिल्ली का रुख किया। वर्ष 2016 में दिल्ली विश्वविद्यालय से भौतिकि विज्ञान से बीएससी और इसके बाद एमएससी की।
पढ़ाई पूरी होने के बाद तान्या ने परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड में सहायक वैज्ञानिक की परीक्षा दी। अब वह मुंबई के भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र से प्रशिक्षण के बाद परमाणु शक्ति के संयोजन में जुटी हैं। तान्या बताती हैं कि अनुसंधानपरक कार्य में परमाणु ऊर्जा को रेग्युलेट करने की जिम्मेदारी निभा रही हैं। पिता सुशील कहते हैं कि उन्हें बेटी पर बहुत फख्र है। वह बचपन से कहती थी कि राष्ट्र की सेवा करेगी।
तान्या कहती हैं कि सपना पूरा करने के लिए माता-पिता ने हमेशा प्रेरित किया। उन्होंने बेटा-बेटी में कभी फर्क नहीं समझा है। हर क्षण उन्हें राष्ट्र-समाज की सेवा करने के लिए प्रेरित किया। उनकी यही प्रेरणा कामयाबी का गुरुमंत्र बन गई। अब यही गुरुमंत्र वह अन्य लड़कियों से साझा करती हैं।
