Taja Report

Advertisements
Advertisements

अब कानपुर के 35 साल से थे बंद दो मंदिरों को प्रशासन ने कराया ‘मुक्त’

लखनऊ। संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के बाद जमकर बवाल के बाद अब कानपुर शहर के मुस्लिम क्षेत्र पेंचबाग में दो शिव मंदिरों को कब्जा मुक्त कराया गया। यह दोनों मंदिर करीब 35 साल पुराने बताए जा रहे हैं. अब जल्द ही इन मंदिरों का जीर्णोद्वार करके यहां पूजा-अर्चना शुरू की जाएगी।

बता दें कि सनातन मठ मंदिर रक्षा समिति कब्जे हो चुके मंदिरों की रक्षा के लिए कार्य करती है। समिति को कुछ समय पहले पता चला था कि पेंचबाग इलाके में दो शिव मंदिर हैं, जिनके ऊपर पूरी तरह से कब्जा हो चुका है। जब समिति के पदाधिकारियों ने वहां जाकर देखा तो पता चला कि वहां मौजूद दो शिव मंदिरों को बंद कर दिया गया है और उसके बाहर अतिक्रमण करके कब्जा कर लिया गया है। इस बात की शिकायत समिति ने जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री से की थी। समिति की शिकायत पर पुलिस बल मौके पर पहुंचा और मंदिरों के बाहर से अतिक्रमण हटवा कर कब्जा मुक्त करवाया। समिति के पदाधिकारी उमेश तिवारी ने बताया कि यह मंदिर तकरीबन 35 साल पुराने हैं और इनको कब्जा कर लिया गया था. उन्होंने यह भी बताया कि वहां पर एक और मंदिर है, जिसको कब्जा मुक्त करवाया जा रहा है। समिति के पदाधिकारियों का कहना था कि इससे पहले भी उन लोगों ने कई मंदिर कब्जे मुक्त कराए हैं, जहां पर आज पूजा भी की जाती है । इसी तरह से रोज यह अभियान चलवा कर मंदिरों को कब्जा मुक्त कराया जाएगा।

दूसरी ओर बरेली में किला थाना क्षेत्र के कटघर के मकान में गंगा महारानी का प्राचीन मंदिर से मूर्तियों को खुर्दबुर्द कर चौकीदार के द्वारा कब्जा करने का मामला सामने आया है. शिकायत पर गुरुवार को पुलिस और प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों के बयान दर्ज किया और दस्तावेज खंगाले. वहीं, अवैध रूप से रह रहे मुस्लिम परिवार ने मकान खाली करने का भी आश्वासन दिया है. लेकिन मकान में मंदिर होने की बात को इनकार कर रहा है।

किला थाना क्षेत्र के कटघर में रहने वाले राकेश सिंह का आरोप है कि उनके वंशजों ने लगभग 150 वर्ष पहले गंगा महारानी का एक मंदिर बनवाया था. जहां कई देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की और आसपास के लोग आकर पूजा-अर्चना करते थे. इस पुजारी के द्वारा लगभग 50 वर्ष पहले एक कमरे को सरकारी समिति के लिए किराए पर दे दिया था. जिसमें स सहकारी समिति का एक चौकीदार वाजिद अली वहां रहने लगा. राकेश सिंह का आरोप है कि वाजिद अली ने धीरे-धीरे मंदिर के पूरे मकान पर कब्जा कर लिया. मंदिर में रखी मूर्तियों को गायब कर दिया. वहीं, वाजिद अली के बेटे साजिद अली ने बताया कि उसके पिता सहकारी समिति में चौकीदार के पद पर नौकरी करते थे. इसलिए नका परिवार यहां रहता है. साजिद ने कहा कि मकान में कभी मंदिर नहीं रहा ही नहीं. यहां कभी किसी देवी देवताओं की मूर्तियां नहीं थी.

नायब तहसीलदार बृजेश कुमार वर्मा ने बताया कि गंगा महारानी का मंदिर होने की बात कहकर उसे खाली करने की मांग करने वाले राकेश सिंह और मकान में रह रहे मुस्लिम परिवार के लिखित बयान दर्ज किए गए हैं. वह प्रारंभिक जांच करने आए हैं. जांच के बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. सहकारी समिति के सचिव विकास ने बताया कि काफी लंबे समय पहले यहां पर सरकारी समिति की खाद की बिक्री की जाती थी. लेकिन अब दूसरा गोदाम बनने के चलते यहां से सब कुछ वहां शिफ्ट हो गया है. यहां अवैध रूप से चौकीदार का परिवार रह रहा है. जिसको पहले भी मकान खाली करने और किसी भी तरह का निर्माण न करने की हिदायत दी गई थी. सहकारी समिति के सचिव ने बताया कि वाजिद अली के परिवार से यह मकान खाली कराया जाएगा।

Taja Report
Author: Taja Report

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *