मुजफ्फरनगर। प्रदेश की मीरापुर विधानसभा सीट पर एक बार फिर रालोद अपना परचम लहराने में कामयाब रही है। यहां रालोद प्रत्याशी मिथलेश पाल ने 84304 वोट प्राप्त करते हुए 30796 वोटों से जीत हासिल की है। दूसरे स्थान पर सपा प्रत्याशी सुंबुल राणा रहीं। कुल वोट 53508 प्राप्त हुए। पूर्व में मोरना विधानसभा के बाद 2012 में अस्तित्व में आई मीरापुर सीट पर अब तक तीन चुनाव हुए, जिनमें बसपा और भाजपा के बाद रालोद ने जीत हासिल की। 2024 में हुआ उपचुनाव चौथा चुनाव रहा और इस चुनावी रण में रालोद ने अपनी छूटी हुई साख जोड़ ली।लोकसभा चुनाव 2024 में रालोद की टिकट पर बिजनौर लोकसभा सीट पर सांसद चुने जाने के बाद चंदन चौहान ने मीरापुर विधायक पद से इस्तीफा दिया था। जिसके चलते यहां पर उपचुनाव हुआ। चंदन चौहान ने बाइस के चुनाव में रालोद को जीत दिलाई थी। ऐसे में यह सीट रालोद के लिए जीतना जरूरी हो गया था। मीरापुर विधानसभा का उपचुनाव काफी रोचक हो गया। यहां पर सपा की हार के कारण कई प्रमुख कारण माने जा रहे हैं, जिनमें से सबसे पहला तो यह है कि मुस्लिम बहुल सीट पर वोट प्रतिशत में काफी कमी रही। मतदान के दिन मुस्लिम बहुल इलाकों में 40 प्रतिशत ही वोटिंग हो पाई। सपा ने नए चेहरे के साथ भी एक प्रयोग किया था, जबकि रालोद ने पुराना और टिकाऊ पत्ता फेंका। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी ने पूर्व सांसद कादिर राणा की बहू सुंबुल राणा का प्रत्याशी बनाया था, जिनका अपना कोई राजनीतिक करियर नहीं रहा। हालांकि, उनकी गिनती करोड़पतियों में जरूर होती है।उपचुनाव की घोषणा के बाद एनडीए गठबंधन में शामिल रालोद के लिए भाजपा ने यह सीट छोड़ दी थी। रालोद ने अपना प्रत्याशी मिथलेश पाल को बनाया, जिसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे कि कि रालोद के लिए यह सीट चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन मतगणना के बाद जीत मिथलेश के पाले में आ गई।
मतदान प्रतिशत का जो आंकड़ा सामने आया, उससे काफी हद तक मिथलेश की जीत मानी जा रही थी। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इस बार रालोद को भाजपा का सपोर्ट मिल गया। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रचार के आखिरी दिनों में यहां रैली की थी।