शामली। जिस कलीम की गिरफ्तारी पर उसे शरीफजादा बताकर छाती पीटी जा रही थी वह आईएसआई का हैंडलर निकला। उसके मोबाइल फोन से मिले सूबूत देखकर अधिकारी हैरत में हैं।
एसटीएफ ने शहर के मोहल्ला नौकुआं रोड बर्फ वाली गली निवासी कलीम को 17 अगस्त 2023 को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट होने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में एसटीएफ के निरीक्षक प्रशांत कपिल की तरफ से शहर कोतवाली में कलीम, उसके भाई तहसीम उर्फ मोटा और सहारनपुर निवासी यूसुफ उर्फ समशी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। बाद में आईएसआई एजेंट तहसीम को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। इस मामले में पुलिस को कलीम के पास से मोबाइल फोन बरामद हुआ था। जिसकी व्हाट्सएप चैट और अन्य मोबाइल डाटा को कलीम ने डिलीट कर दिया था। कलीम के मोबाइल फोन के डाटा को रिकवर कराने के लिए शामली पुलिस ने लखनऊ की फारेंसिक लैब को मोबाइल जांच के लिए भेजा था। सीओ अमरदीप मौर्य ने बताया कि फोरेंसिक लैब ने रिपोर्ट पुलिस को उपलब्ध करा दी है। जिसमें सामने आया है कि जुलाई, अगस्त माह में कलीम ने सबसे अधिक बातें व्हाट्सएप चैट के माध्यम से पाकिस्तान के आईएसआई हैंडलर दिलशाद मिर्जा, हमीदा, शाहिद और दो लाहौर के एसआईआई एजेंटों से बात की। वह छह लोगों के संपर्क में था। कलीम ने उन्हें मेरठ कैंट के अलावा अन्य भी कई आपत्तिजनक, गोपनीय फोटो व्हाट्सएप के माध्यम से भेजे थे। यह एजेंट सुबह 4 और शाम को 6 बजे के बाद अधिकतर पाकिस्तान के एजेंटों से बात करता था। आईएसआई एजेंट उसे जल्द अमीर बनाने का सपने दिखा रहे थे। सीओ ने बताया कि इस मामले में इलेक्ट्रानिक साक्ष्य को जांच में शामिल करने के लिए शासन को फाइल भेजी गई है। साथ ही 65 बी के तहत नोटिस दिया गया है। पाकिस्तान का आईएसआई एजेंट इकबाल काना, दिलशाद मिर्जा, हमीदा और शाहिद अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। इसके अलावा अब लाहौर के दो एजेंटों के नाम भी रिपोर्ट में सामने आए गए हैं।आईएसआई एजेंट कलीम और उसके भाई तहसीम को आरोपी बनाते हुए पुलिस ने करीब डेढ़ माह पूर्व ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। जिसमें दोनों को आरोपी बनाया था। कहा गया था कि आईएसआई हैंडलर दोनों को आतंकवाद का पाठ पढ़ा रहे थे। व्हाट्सएप के माध्यम से ही एक दूसरे के संपर्क में रहते थे।
