नवरात्रि में घर में मिट्टी के एक बर्तन में जौ बोने की परंपरा है। धर्मग्रन्थों के अनुसार सृष्टि की शुरूआत के बाद सबसे पहली फसल जौ ही हुई थी। यही वजह है कि जब कभी देवी-देवताओं की पूजा की जाती है तो हवन में जौ ही चढ़ाई जाती है। मिट्टी के बर्तन में बोए जाने वाले जौ व्यक्ति को उसेक भविष्य से जुड़े कई अहम संकेत देते हैं। नवरात्रि के दौरान मिट्टी में बोया गया जौ दो तीन दिन में ही अंकुरित हो जाता है, लेकिन अगर यह न उगे तो व्यक्ति को भविष्य से जुड़े अच्छे संकेत नहीं मिलते हैं।
अगर जौ का रंग सफेद या हरा हो गया है, तो इससे शुभ संकेत मिलते हैं। मान्यता है इसका अर्थ यह है कि जातक के जीवन की सभी तरह की परेशानियां जल्द दूर हो सकती हैं।
इसके अलावा जौ अंकुरित और विकसित होते हैं, तो यह शुभ माना जाता है। इसका अर्थ यह है कि इससे घर में समृद्धि और खुशियों का आगमन होगा।
जौं का सूखना सही नहीं है।
जौ से करें यह उपाय
विसर्जन से पूर्व थोड़े से जौं बचाकर लाल वस्त्र में बांधकर तिजोरी में रखने से धन धान्य की वृद्धि होती है।
