मुजफ्फरनगर। महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल में ‘‘सतत विकास के लिए बागवानी सहित जलवायु एवं स्मार्ट कृषि’’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के संस्थापक चैयरमेन डा0 एस0सी0 कुलश्रेष्ठ को शिक्षा एवं आधुनिक कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए लाइफ टाईम एंचविमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। डा0 कुलश्रेष्ठ को यह सम्मान मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय उदयपुर की कुलाधिपति डा0 सुनीता मिश्रा एवं महाराणा प्रताप उद्यान विज्ञान के कुलपति डा0 सुरेश मल्होत्रा द्वारा प्रदान किया गया।
इस विषय पर श्रीराम कॉलेज के निदेशक डा0 अशोक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि सतत विकास के लिए बागवानी सहित जलवायु एवं स्मार्ट कृषि विषय पर महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में देश विदेश से कृषि वैज्ञनिकों के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में अध्ययन कर रहे छात्रों ने प्रतिभाग किया। डा0 अशोक कुमार ने श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के संस्थापक चैयरमेन डा0 एस0सी0 कुलश्रेष्ठ को शिक्षा एवं आधुनिक कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किये गये लाइफ टाईम एंचविमेंट अवार्ड के विषय में बताते हुए कहा कि डा0 कुलश्रेष्ठ द्वारा उच्च तकनीकी एवं व्यवासिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक स्मार्ट कृषि के क्षेत्र मंे उनके द्वारा दिये गये अतुल्य योगदान के फलस्वरूप उनको यह सम्मान प्रदान किया गया। डा0 अशोक ने बताया कि डा0 कुलश्रेष्ठ कृषि के क्षेत्र में संरक्षित खेती के विशेषज्ञ के रूप में एक बड़ी पहचान रखते है इसके साथ ही उन्होने बताया कि विदेशी फुलों के सबसे बड़े उत्पादक के रूप में लिलियम, जरवेरा, ट्यूलिप आदि फुलों का उत्पादन कर बड़े स्तर पर निर्यात करते है। उन्होने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में डा0 कुलश्रेष्ठ को शिक्षक गुरू की उपाधी प्राप्त है। उनके द्वारा मुजफ्फरनगर में गुणवत्तापूर्ण उच्च तकनीकी एवं व्यवासिक शिक्षा प्रदान करने वाले श्रीराम गुप ऑफ कॉलेेजेज की पहचान आज देश के टॉप 25 कॉलेज में से एक है जो शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किये गये अतुलनीय योगदान का साकार रूप है जिसके माध्यम से मुजफ्फरनगर को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पहचान मिली है।
दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि के रूप मंे उपस्थित रहे डा0 कुलश्रेष्ठ ने अपने सम्बोधन में शहरणीकरण से उत्पन्न होने वाली कृषि संबंधी गम्भीर समस्याओं को उजागार किया साथ ही पुष्प उत्पादन के विषय में किसानों की अल्प जानकारी एवं अन्य समस्याओं के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होने कहा कि पुष्पों के क्रय विक्रय के लिये एम0एस0पी0 और पुष्प मंडीयों का होना अनिवार्य है जिससे किसानों को पुष्पों का उचित मूल्य मिल सके। इसके साथ-साथ उन्होने कहा कि परिस्थिति पालीहाउस की आकृति में भी परिवर्तन होना चाहिए जिससे पुष्प व शाकीय का उत्पादन अच्छी प्रकार से हो सके।
