*🚩आज की हिंदी तिथि*
*🌥️ 🚩युगाब्द-५१२७*
*🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८२*
*⛅🚩तिथि – षष्ठी पूर्ण रात्रि तक*
*⛅दिनांक – 27 अक्टूबर 2025*
*⛅दिन – सोमवार*
*⛅अयन – दक्षिणायण*
*⛅ऋतु – हेमंत*
*⛅मास – कार्तिक*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅नक्षत्र – मूल दोपहर 01:27 तक तत्पश्चात् पूर्वषाढा*
*⛅योग – अतिगण्ड सुबह 07:27 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
*⛅राहुकाल – सुबह 07:55 से सुबह 09:20 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय – 06:29*
*⛅सूर्यास्त – 05:52 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:48 से प्रातः 05:39 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:48 से दोपहर 12:33 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 11:46 से रात्रि 12:36 अक्टूबर 28 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅️व्रत पर्व विवरण – छठ पूजा, स्कंद षष्ठी, सूर सम्हारम*
*🌥️विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातून मुंह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹सुखमय जीवन की अनमोल कुंजियाँ*🔹
*🔹यदि दुकान अथवा व्यवसाय-स्थल पर आपका मन नहीं लगता है तो इसके लिए आप जिस स्थान पर बैठते हैं वहाँ थोड़ा-सा कपूर जलायें, अपनी पसंद के पुष्प रखें और स्वस्तिक या ॐकार को अपलक नेत्रों से देखते हुए कम-से-कम ५-७ बार ॐकार का दीर्घ उच्चारण करें । अपने पीछे दीवाल पर ऊपर ऐसा चित्र लगायें जिसमें प्राकृतिक सौंदर्य हो, ऊँचे-ऊँचे पहाड़ हों परंतु वे नुकीले न हों और न ही उस चित्र में जल हो अथवा यथायोग्य किसी स्थान पर आत्मज्ञानी महापुरुषों, देवी-देवताओं के चित्र लगायें । इससे आपका मन लगने लगेगा ।*
*📖 ऋषि प्रसाद, जुलाई 2020*
*🔹 आचमन तीन बार क्यों ?*🔹
🔹 *प्राय: प्रत्येक धर्मानुष्ठान के आरम्भ में और विशेषरूप से संध्योपासना में ३ बार आचमन करने का शास्त्रीय विधान है । धर्मग्रंथों में कहा गया है कि ३ बार जल का आचमन करने से तीनों वेद अर्थात ऋग्वेद, यजुर्वेद व सामवेद प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं । मनु महाराज ने भी कहा है : त्रिराचमेद्प: पूर्वम । (मनुस्मृति :२.६०)*
*🔹अर्थात सबसे पहले ३ बार जल से आचमन करना चाहिए । इससे जहाँ कायिक, मानसिक एवं वाचिक–त्रिविध पापों की निवृत्ति होती है वहीँ कंठशोष ( कंठ की शुष्कता) दूर होने और कफ-निवृत्ति होने से श्वास-प्रश्वास क्रिया में मंत्रादि के शुद्ध उच्चारण में भी मदद मिलती है । प्राणायाम करते समय प्राणनिरोध से स्वभावतः शरीर में ऊष्मा बढ़ जाती है, कभी-कभी तो ऋतू के तारतम्य से तालू सूख जाने से हिचकी तक आने लग जाती है । आचमन करते ही यह सब ठीक हो जाता है ।*
*🔹बोधायन सूत्र के अनुसार आचमन-विधि :🔹*
*🔹(दायें) हाथ की हथेली को गाय के कान की तरह आकृति प्रदान कर उससे ३ बार जल पीना चाहिए ।*
*🔹शास्त्र-रीति के अनुसार आचमन में चुल्लू जितना जल नहीं पिया जाता बल्कि उतने ही प्रमाण में जल ग्रहण करने की विधि है जितना कि कंठ व तालू को स्पर्श करता हुआ हृदयचक्र की सीमा तक ही समाप्त हो जाय ।*
*🔹पूज्य बापूजी के सत्संग-अमृत में आता है : संध्या में आचमन किया जाता है । इस आचमन से कफ-संबंधी दोषों का शमन होता है, नाड़ियों के शोधन में व ध्यान-भजन में कुछ मदद मिलती है ।*
🔹 *ध्यान-भजन में बैठे तो पहले तीन आचमन कर लेने चाहिए, नहीं तो सिर में वायु चढ़ जाती है, ध्यान नहीं लगता, आलस्य आता है, मनोराज चलता है, कल्पना चलती है । आचमन से प्राणवायु का संतुलन हो जाता है ।*
*🔹आचमन से मिले शान्ति व पुण्याई🔹*
🔹 *’ॐ केशवाय नम: । ॐ नारायणाय नम: । ॐ माधवाय नम: ।’ कहकर जल के ३ आचमन लेते हैं तो जल में जो यह भगवदभाव, आदरभाव है इससे शांति, पुण्याई होती है ।*
*🔹इससे भी हो जाती है शुद्धि*🔹
*🔹जप करने के लिए आसन पर बैठकर सबसे पहले शुद्धि की भावना के साथ हाथ धो के पानी के ३ आचमन ले लो । जप करते हुए छींक, जम्हाई या खाँसी आ जाय, अपानवायु छूटे तो यह अशुद्धि है । वह माला नियत संख्या में नहीं गिननी चाहिए । आचमन करके शुद्ध होने के बाद वह माला फिर से करनी चाहिए । आचमन के बदले ‘ॐ’ सम्पुट के साथ गुरुमंत्र ७ बार दुहरा दिया जाय तो भी शुद्धि हो जायेगी । जैसे, मन्त्र है ‘नम: शिवाय’ तो ७ बार ‘ॐ नम:शिवाय ॐ’ दुहरा देने से पड़ा हुआ विघ्न निवृत्त हो जायेगा ।*
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राशिफल
मेष – निकटस्थ व्यक्ति का सहयोग काम को गति दिला देगा। व्यर्थ प्रपंच में समय नहीं गंवाकर अपने काम पर ध्यान दीजिए। अच्छे कार्य के लिए रास्ते बना लेंगे। पूर्व नियोजित कार्यक्रम सरलता से संपन्न हो जाएंगे। व्यापार व व्यवसाय में स्थिति उत्तम रहेगी। जीवनसाथी का परामर्श लाभदायक रहेगा। शुभांक-1-3-5
वृष – अपने हित के काम सुबह-सवेरे निपटा लें। यात्रा शुभ रहेगी। अपने काम पर पैनी नजर रखिए। विरोधी नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा। अपने हितैषी समझे जाने वाले ही पीठ पीछे नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे। आर्थिक हित के काम को साधने में मदद मिल जाएगी। शुभांक-2-4-6
मिथुन – अपने काम को प्राथमिकता से करें। बुरी संगति से बचें। आशानुकूल कार्य होने में संदेह है। स्वास्थ्य मध्यम रहेगा। लेन-देन में अस्पष्टता ठीक नहीं। निर्मूल शंकाओं के कारण मनस्ताप भी पैदा हो सकते है। भय तथा शत्रुहानि की आशंका रहेगी। पारिवारिक परेशानी बढ़ेगी। हाथ-पैरों में पीड़ा हो सकती है। शुभांक-4-7-9
कर्क – दूसरों के कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप न करें। कामकाज में आ रहा अवरोध दूर होकर प्रगति का रास्ता मिल जाएगा। अच्छे कार्य के लिए रास्ते बना लेंगे। अपने हित के काम सुबह-सबेरे ही निपटा लें। रुपये पैसों की सुविधा मिल पाएगी। कामकाज सीमित तौर पर ही बन पाएंगे। शुभांक-2-4-5
सिंह – चिंततनीय वातावरण से मुक्ति मिलेगी। मान-सम्मान में वृद्घि होगी। यात्रा प्रवास का सार्थक परिणाम मिलेगा। मेल-मिलाप से काम बनाने की कोशिश लाभ देगी। अपने काम में सुविधा मिल जाने से प्रगति होगी। नवीन जिम्मेदारी बढऩे के आसार रहेंगे। यात्रा शुभ रहेगी। सुविधाओं में बाधा आएगी। शुभांक-4-5-6
कन्या – निष्ठा से किया गया कार्य पराक्रम व आत्मविश्वास बढ़ाने वाला होगा। संतोषजनक सफलता मिलेगी। मेहमानों का आगमन होगा। पैतृक सम्पत्ति से लाभ। नैतिक दायरे में रहें। पुरानी गलती का पश्चाताप होगा। विद्यार्थियों को लाभ। वाहन चालन में सावधानी बरतें। आय के अच्छे योग बनेंगे। शुभांक-2-4-7
तुला – परिवारजन का सहयोग व समन्वय काम को बनाना आसान करेगा। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। आय-व्यय की स्थिति समान रहेगी। शैक्षणिक कार्य आसानी से पूरे होते रहेंगे। व्यापार व व्यवसाय में ध्यान देने से सफलता मिलेगी। बुरी संगति से बचें। ज्ञानार्जन का वातावरण बनेगा। शुभांक-5-6-9
वृश्चिक – संतान पक्ष से थोड़ी चिंता रहेगी। अपनों का सहयोग प्राप्त होगा। शिक्षा में आशानुकूल कार्य होने में संदेह है। व्यापार व व्यवसाय में स्थिति उत्तम रहेगी। नौकरी में पदोन्नति की संभावना है। मित्रों से सावधान रहें तो ज्यादा उत्तम है। शारीरिक सुख के लिए व्यसनों का त्याग करें। शुभांक-3-6-8
धनु – शत्रुभय, चिंता, संतान को कष्ट, अपव्यय के कारण बनेंगे। व्यवसाय में प्रतिद्वंद्वी परेशान कर सकते हैं। समय व्ययकारी सिद्घ होगा। वैचारिक उत्तेजना पर नियत्रंण रखें। कुछ महत्वपूर्ण कार्य बनाने के लिए भाग-दौड़ रहेगी। स्वास्थ्य मध्यम रहेगा। अपनी परिसंपत्ति को संभालकर रखें। शुभांक-3-5-7
मकर – मित्रों की उपेक्षा करना ठीक नहीं रहेगा। व्यापार में वृद्घि व उत्तम लाभ मिलेगा। नौकरी क्षेत्र में कुछ उलझनें रहेंगी। यश-प्रतिष्ठा में वृद्घि व शिक्षा में परेशानी आ सकती है। व्यापार में वृद्घि होगी। नौकरी में सहयोगियों का सहयोग प्राप्त होगा। मेहमानों का आगमन होगा। शुभांक-4-6-8
कुम्भ – महत्त्वपूर्ण निर्णय के लिए दूरदर्शिता से काम लें। कोष में कमी व व्यय की अधिकता से परेशान होंगे। किसी से वाद-विवाद अथवा कहासुनी होने का भय रहेगा। जल्दबाजी में कोई भूल संभव है। कार्य भार बढ़ेगा। जरा-सी लापरवाही आपको परेशानी में डाल सकती है। सलाह उपयोगी सिद्घ होगी। शुभांक-2-6-9
मीन – प्रतिष्ठा बढ़ाने वाले कुछ सामाजिक कार्य संपन्न होंगे। कई प्रकार के हर्ष उल्लास के बीच अप्रत्याशित विघ्न पैदा होंगे। आमोद-प्रमोद का दिन होगा और व्यावसायिक प्रगति भी होगी। स्वास्थ्य और जीवन स्तर में सुधार की अपेक्षा रहेगी। ज्ञान-विज्ञान की वृद्घि होगी और सज्जनों का साथ भी रहेगा। शुभांक-5-6-8


