*🚩आज का पंचांग*
*🌥️ 🚩युगाब्द-५१२७*
*🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८२*
*⛅🚩तिथि – त्रयोदशी रात्रि 02:05 नवम्बर 04 तक तत्पश्चात् चतुर्दशी*
*⛅दिनांक – 03 नवम्बर 2025*
*⛅दिन – सोमवार*
*⛅अयन – दक्षिणायण*
*⛅ऋतु – हेमंत*
*⛅मास – कार्तिक*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅नक्षत्र – उत्तर भाद्रपद दोपहर 03:05 तक तत्पश्चात् रेवती*
*⛅योग – हर्षण शाम 07:40 तक तत्पश्चात् वज्र*
*⛅राहुकाल – सुबह 07:57 से सुबह 09:22 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय – 06:33*
*⛅सूर्यास्त – 05:47 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:51 से प्रातः 05:42 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:48 से दोपहर 12:33 (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 11:45 से रात्रि 12:36 नवम्बर 04 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅️व्रत पर्व विवरण – सोम प्रदोष व्रत, विश्वेश्वर व्रत, पञ्चक* 
*🌥️विशेष – त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹आरती को कैसे व कितनी बार घुमायें ?*🔹
* सत्संग–वचनामृत में आता है : जो भी देव हैं उनका एक बीजमन्त्र होता है । आरती करते हैं तो उनके बीजमन्त्र के अनुसार आकृति बनाते हैं ताकि उन देव कि ऊर्जा, स्वभाव हममें आयें और उनकी आभा में हमारी आभा का तालमेल हो और हमारी आभा देवत्व को उपलब्ध हो । इसलिए देवता, सद्गुरु, भगवान् कि आरती की जाती है ।*
*🔹जिस देवता का जो बीजमन्त्र होता है, आरती की थाली से उस प्रकार कि आकृति बना के आरती करते हैं तो ज्यादा लाभ होता है, जैसे आप रामजी कि आरती करते हैं तो उनका ‘रां’ बीजमन्त्र है तो ‘रां’ शब्द आरती में बनाना ज्यादा लाभ करेगा । देवी की आरती करते हैं तो सरस्वतीजी का ‘ऐं’ अथवा लक्ष्मीजी का ‘श्रीं’ बना दें । गणपतिजी का बीजमंत्र है ‘गं’ तो थाली से उस प्रकार कि आकृति बना दें । अब कौन-से देव का कौन-सा बीजमन्त्र है यह पता नहीं है तो सब बीजमन्त्रो का एक मुख्य बीजमन्त्र है ‘ॐ’कार । आरती घुमाते–घुमाते आप ॐकार बना दें । सभी देवी-देवताओं के अंदर जो परब्रह्म-परमात्मा है उसकी स्वाभाविक ध्वनि ॐ है ।*
*🔹तो ‘ॐ’ बनायें अथवा देव के चरणों से घुटनों तक ( ४ बार) फिर नाभि के सामने (२ बार) फिर मुखारविंद के सामने (१ बार) फिर एक साथ सभी अंगो में (७ बार) आरती घुमाये । इससे देव के गुण व स्वभाव आरती घुमानेवाले के स्वभाव में थोड़े थोड़े आने लगते हैं ।*
*🔹आरती का वैज्ञानिक आधार*🔹
*🔹अभी तो बिज्ञानी भी दंग रह गये कि भारत की इस पूजा-पद्धति से कितना सारा लाभ होता है ! उनको भी आश्चर्यकारक परिणाम प्राप्त हुए । अब विज्ञानी बोलते हैं कि आरती करने से अगर विशेष व्यक्ति है तो उसकी विशेष ओरा और सामान्य व्यक्ति कि ओरा एकाकार होने लगती है । वैज्ञानिकों की दृष्टि में केवल आभा है तो भी धन्यवाद ! किन्तु आभा के साथ-साथ विचार भी समान होते हैं, साथ ही हमारे और सामनेवाले के शरीर से निकलनेवाली तरंगो का विपरीत स्वभाव मिटकर हमारे जीवन में प्रकाश का भाव पैदा होता है ।*
*🔹जैसे घी, पेट्रोल और फूलों आदि की अपनी अलग-अलग गंध होती है, ऐसे ही हर मनुष्य की अपनी आभा होती है । अभी तो किर्लियन फोटोग्राफी द्वारा उस आभा का फोटो भी लिया जा सकता है । जब देवता या सद्गुरु के आगे आरती करते हैं तो उनकी आभा को अपनी आभा के साथ एकाकार करने की प्रक्रिया में दीपक उत्प्रेरक (catalytic agent) का काम करता है ।*
*🔹आयु-आरोग्य प्राप्ति व शत्रुवृद्धि शमन हेतु🔹*
*🔹आरती करने से इतने सारे लाभ होते हैं और आरती देखने से भी लाभ होता है : गुरुद्वार पर कि हुई आरती के दर्शन करने से आपके ऊपर शत्रुओं की डाल नही गलती । दीपज्योती आयु-आरोग्य प्रदायक और शत्रुओ कि वृद्धि का शमन करनेवाली है । पड़ोसी या प्रतिस्पर्धी एक-दूसरे के इतने शत्रु नहीं होते जितने मनुष्य जीवन में काम, क्रोध, लोभ आदि शत्रु हैं । तो आरती के दर्शन करने से शत्रुओ कि वृद्धि का शमन होता ।*
*🔹शास्त्रों के अनुसार जो धूप व आरती को देखता है और दोनों हाथों से आरती को लेता है वह अपनी अनेक पीढ़ियों का उद्धार करता है तथा भगवान विष्णु के परम पद को प्राप्त होता है ।*
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राशिफल
मेष- अपनी गतिविधियों पर पुनर्विचार करें। वैचारिक द्वन्द्व और असंतोष बना रहेगा। किसी सूचना से पूर्ण निर्णय सम्भव। सुख आरोग्य प्रभावित होगा। शत्रुभय, ङ्क्षचता, संतान को कष्ट, अपव्यय के कारण बनेंगे। आय-व्यय की स्थिति समान रहेगी। किसी नजदीकी शुभचिंतक सलाह उपयोगी सिद्घ होगी। शुभांक-5-6-7
वृष- नौकरी में स्थिति सामान्य ही रहेगी। बुद्घि, बल व पराक्रम सफल होगा। संतोष रखने से सफलता मिलेगी। व्यापार में वृद्घि व उत्तम लाभ मिलेगा। मित्रों की उपेक्षा करना ठीक नहीं रहेगा। आत्मचिंतन कर। पुराने मित्र से मिलन होगा। पुरुषार्थ का सहारा लें। यात्रा का योग बनेगा। विद्यार्थियों को लाभ। शुभांक-5-7-8
मिथुन- दाम्पत्य जीवन सुखद रहेगा। शिक्षा में परेशानी आ सकती है। स्वास्थ्य की ओर विशेष ध्यान रहें। व्यापार में वृद्घि होगी। नौकरी में सहयोगियों का सहयोग प्राप्त होगा। शत्रुपक्ष पर आप हावी रहेंगे। पारिवारिक परेशानी बढ़ेगी। कुछ प्रतिकूल गोचर का क्षोभ दिन-भर रहेगा। स्वविवेक से कार्य कर। शुभांक-4-6-7
कर्क- कहीं रुका हुआ पैसा वसूलने में मदद मिल जाएगी। व्यर्थ प्रपंच में समय नहीं गंवाकर अपने काम पर ध्यान दीजिए। अच्छे कार्य के लिए रास्ते बना लेंगे। पूर्व नियोजित कार्यक्रम सरलता से संपन्न हो जाएंगे। व्यापार व व्यवसाय में स्थिति उत्तम रहेगी। कामकाज की अधिकता रहेगी। शुभांक-4-6-7
सिंह- प्रसन्नता के साथ सभी जरूरी कार्य बनते नजर आएंगे। मनोरथ सिद्घि का योग है। सभा-गोष्ठियों में सम्मान मिलेगा। प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए कुछ सामाजिक कार्य संपन्न होंगे। कई प्रकार के हर्ष उल्लास के बीच आनन्ददायक दिन रहेगा। आमोद-प्रमोद का दिन होगा। व्यावसायिक प्रगति भी होगी। शुभांक-6-7-9
कन्या- स्वास्थ्य और जीवन स्तर में सुधार की अपेक्षा रहेगी। ज्ञान-विज्ञान की वृद्घि होगी और सज्जनों का साथ भी रहेगा। कुछ कार्य भी सिद्घ होंगे। व्यर्थ की भाग-दौड़ से यदि बचा जाए तो अच्छा है। प्रियजनों से समागम का अवसर मिलेगा। अवरद्ध कार्य संपन्न हो जाएंगे। उन्नति के याग हैं। शुभांक-4-5-7
तुला- नवीन उद्योगों के अवसर बढ़ेगे व अभिलाषाएं पूर्ण होंगी। कार्य साधक दिन है व्यर्थ न गंवाऐ। विश्वस्त लोगों के कहे अनुसार चलें। राजकीय कार्यों में सतर्कता बरतें। जोश से कम व होश में रहकर कार्य करें। नये आगंतुकों से लाभ होगा। जो चल रहा हैं उसे सावधानीपूर्वक संभालें। शुभांक-7-8-9
वृश्चिक- जमीन जायदाद का लाभ भी हो सकता है। आवास, मकान तथा वाहन की सुविधाएं मिलेंगी। कर्ज तथा रोगों से मुक्ति भी संभव है। मान-सम्मान में वृद्घि होगी। अच्छे कार्य के लिए रास्ते बना लेंगे। अपने हित के काम सुबह-सवेरे ही निपटा लें। रुपये पैसों की सुविधा नहीं मिल पाएगी। शुभांक-4-6-8
धनु- कामकाज सीमित तौर पर ही बन पाएंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर बना रहेगा। यात्रा प्रवास का सार्थक परिणाम मिलेगा। मेल-मिलाप से काम बनाने की कोशिश लाभ देगी। कुछ आर्थिक ङ्क्षचताएं भी कम होगी। नियोजित धन से लाभ होने लगेगा। घर वाले मदद करेंगे। शुभांक-5-7-9
मकर- बचते-बचते कलह विवाद का डर रहेगा। हित के काम में आ रही बाधा मध्याह्न पश्चात् दूर हो जाएगी। अपने काम आसानी से बनते चले जाएंगे साथ ही आगे के लिए रास्ता भी बन जाएगा। कहीं रुका हुआ पैसा वसूलने में मदद मिल जाएगी। व्यर्थ प्रपंच में समय नहीं गंवाकर अपने काम पर ध्यान दे शुभांक-2-4-6
कुम्भ- सुखद समय की अनुभूतियां प्रबल होगी। व्ययाधिक्य का अवसर आ सकता है। शुभ कार्यों का लाभदायक परिणाम होगा। कामकाज की अधिकता रहेगी। लाभ भी होगा और पुराने मित्रों से समागम। व्यवसायिक अभ्युदय होगा और प्रसन्नताएं बढ़ेगी। ज्ञानार्जन का वातावरण बनेगा। धार्मिक यात्रा का योग हैं। शुभांक-5-6-7
मीन- धर्म-कर्म के प्रति रुचि जागृत होगी। लाभ में आशातीत वृद्घि तय है मगर नकारात्मक रुख न अपनाएं। किसी पुराने संकल्प को पुरा कर लेने का दिन हैं। ‘आगे-आगे गौरख जागे’ वाली कहावत चरितार्थ होगी। निष्ठा से किया गया कार्य पराक्रम व आत्मविश्वास बढ़ाने वाला होगा। इच्छित कार्य सफल होंगे। शुभांक-4-6-8


