टैक्स विभाग के चर्चित दो कर्मचारियों पर फिर उठी उंगली, ईओ ने दिए जांच के आदेश
मुजफ्फरनगर। नगर पालिका में एक बार फिर फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। टैक्स विभाग द्वारा एक निजी संपत्ति को लेकर फर्जी किरायेदारी सर्टिफिकेट जारी किया गया, जिससे हड़कंप मच गया। यह मामला उस वक्त उजागर हुआ जब संपत्ति के स्वामी ने नगर पालिका पहुंचकर अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।
शहर के खालापार मोहल्ले में स्थित एक निजी संपत्ति को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। पीड़ित स्वामी ने आरोप लगाया कि नगर पालिका के टैक्स विभाग द्वारा उनकी संपत्ति को किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर किरायेदारी का फर्जी सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया। जबकि संपत्ति पर किसी प्रकार की किरायेदारी न होने की बात खुद पालिका के रिकॉर्ड से स्पष्ट है।
आरोप है कि विभागीय मिलीभगत से दस्तावेजों में हेराफेरी कर अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से यह फर्जी सर्टिफिकेट जारी किया गया, जिसके आधार पर अब संबंधित व्यक्ति ने कोर्ट में संपत्ति पर दावा भी कर दिया है।
ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फिर चर्चा में आए टैक्स विभाग के दो कर्मचारी
इस मामले में टैक्स विभाग के एक लिपिक और एक अन्य कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। दोनों पर पूर्व में भी फर्जी दस्तावेजों को लेकर आरोप लग चुके हैं। जानकारी के अनुसार, हाल ही में उक्त कर्मचारी द्वारा एक टीएस के फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे।
इतना ही नहीं, इस मामले में डिस्पेच रजिस्टर में महिला कर्मचारी की जगह उसी आरोपी कर्मचारी की राइटिंग पाई गई है, जिससे उनकी भूमिका पर और भी सवाल खड़े हो गए हैं।
नगर पालिका में लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों ने पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि जांच के बाद दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।


