*🚩आज की हिंदी तिथि*
*🌥️ 🚩युगाब्द-५१२७*
*🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८२*
*⛅🚩तिथि – चतुर्थी रात्रि 03:48 अक्टूबर 26 तक तत्पश्चात् पञ्चमी*
*⛅दिनांक – 25 अक्टूबर 2025*
*⛅दिन – शनिवार*
*⛅अयन – दक्षिणायण*
*⛅ऋतु – शरद*
*⛅मास – कार्तिक*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅नक्षत्र – अनुराधा सुबह 07:51 तक तत्पश्चात् ज्येष्ठा*
*⛅योग – शोभन पूर्ण रात्रि तक*
*⛅राहुकाल – सुबह 09:20 से सुबह 10:45 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय – 06:28*
*⛅सूर्यास्त – 05:53 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:48 से प्रातः 05:38 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:48 से दोपहर 12:34 (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 11:46 से रात्रि 12:36 अक्टूबर 26 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅️व्रत पर्व विवरण – विनायक चतुर्थी, नागुला चविथी, रवि योग*
*🌥️विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹अशुभ क्या है एवं शुभ क्या है ?🔹*
*🔸 बिल्ली की धूलि शुभ प्रारब्ध का हरण करती है । (नारद पुराण, पूर्व भाग : 26.32)*
*🔸 कुत्ता रखने वालों के लिए स्वर्गलोक में स्थान नहीं है । उनका पुण्य क्रोधवश नामक राक्षस हर लेते हैं । (महाभारत, महाप्रयाण पर्व : 3.10)*
*🔸 ‘महाभारत’ में यह भी आया है कि ‘घर में टूटा-फूटा बर्तन, सामान (फर्नीचर), मुर्गा, कुत्ता, बिल्ली होना अच्छा नहीं है । ये शुभ गुणों को हरते हैं ।’*
*🔸 दूसरे का अन्न, दूसरे का वस्त्र, दूसरे का धन, दूसरे की शय्या, दूसरे की गाड़ी, दूसरे की स्त्री का सेवन और दूसरे के घर में वास – ये इन्द्र के भी ऐश्वर्य को नष्ट कर देते हैं । (शंखलिखित स्मृति : 17)*
*🔸 जिस तरह शरीर में जीवन न हो तो वह मुर्दा शरीर अशुभ माना जाता है । इसी तरह खाली कलश भी अशुभ है । दूध, घी, पानी अथवा अनाज से भरा हुआ कलश कल्याणकारी माना जाता है । भरा हुआ घड़ा मांगलिकता का प्रतीक है ।*
*🔸 वास्तुशास्त्र के अनुसार घर की पश्चिम दिशा में पीपल का वृक्ष होना शुभ है । इसके विपरीत पूर्व दिशा में होना विशेष अशुभ है ।*
*🔸 आँवला, बिल्व, नारियल, तुलसी और चमेली सभी दिशाओं में शुभ हैं । कुछ अन्य वृक्षों के लिए शुभ दिशाओं की सूचिः*
*जामुन – दक्षिण, पूर्व, उत्तर*
*अनार – आग्नेय, नैर्ऋत्य कोण*
*केला – तुलसी के साथ सभी दिशाओं में*
*चंदन – पश्चिम, दक्षिण (पूर्व विशेष अशुभ)*
*बड़ – पूर्व (पश्चिम विशेष अशुभ)*
*कनेर – पूर्व, उत्तर (पश्चिम विशेष अशुभ)*
*नीम – वायव्य कोण (आग्नेय विशेष अशुभ)*
*🔸 घर में बाँस, बेर, पपीता, पलाश और बबूल के वृक्ष सभी दिशाओं में अशुभ माने जाते हैं । आम पूर्व में, सीताफल व गुलाब ईशान कोण में विशेष अशुभ हैं ।*
*🔸 अशुभ वस्तुएँ जैसे कि मांस, दुर्घटना का दृश्य, मृतक जीव-जन्तु दिखायी देने पर उसी समय सूर्यनारायण के दर्शन कर लेने चाहिए ।*
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मेष : पूर्व नियोजित कार्यक्रम सरलता से संपन्न हो जाएंगे। जोखिम से दूर रहना ही बुद्घिमानी होगी। शुभ कार्यों की प्रवृत्ति बनेगी और शुभ समाचार भी मिलेंगे। किसी से कहा सुनी न हो यही ध्यान रहे। अपना कार्य दूसरों के सहयोग से बना लेंगे। लाभकारी गतिविधियों में सक्रियता रहेगी। शुभांक-1-4-6
वृष : अपने संघर्ष में स्वयं को अकेला महसूस करेंगे। विशेष परिश्रम से ही अभिष्ट कार्य सिद्घ होंगे। व्यर्थ प्रपंच में समय नहीं गंवाकर अपने काम पर ध्यान दीजिए। बनते हुए कार्यों में बाधा आएगी। विरोधियों के सक्रिय होने की संभावना है। चल-अचल सम्पति में वृद्घि होगी। बाहरी सहयोग की अपेक्षा रहेगी। शुभांक-2-4-6
मिथुन : रोजगार में तरक्की मिलेगी। जमीन जायदाद का लाभ भी हो सकता है। अपने संघर्ष में स्वयं के आर्थिक उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। आवास, मकान तथा वाहन की सुविधाएं मिलेंगी। कर्ज तथा रोगों से मुक्ति भी संभव है। शत्रुओं की पराजय होगी। कुछ आर्थिक ङ्क्षचताएं भी कम होगी। शुभांक-2-5-6
कर्क : उच्चमनोबल रखकर कार्य करें, सफल होंगे। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। आय-व्यय की स्थिति समान रहेगी। शैक्षणिक कार्य आसानी से पूरे होते रहेंगे। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। व्यापार व व्यवसाय में ध्यान देने से सफलता मिलेगी। मेल-मिलाप से काम बनाने की कोशिश लाभ देगी। शुभांक-2-5-7
सिंह : सुविधा और समन्वय बना रहने से कामकाज में प्रगति बनेगी। यात्रा का दूरगामी परिणाम मिल जाएगा। कामकाज में आ रही बाधा को दूर कर लेंगे। लाभदायक कार्यों की चेष्टाएं प्रबल होंगी। बुद्घितत्व की सक्रियता से अल्प लाभ का हर्ष होगा। कुछ महत्त्वपूर्ण कार्य बनाने के लिए भाग-दौड़ रहेगी। शुभांक-4-6-7
कन्या : घर-परिवार में प्रसन्नता व सहयोग का वातावरण बनेगा। मानसिक एवं शारीरिक शिथिलता पैदा होगी। व्ययाधिक्य का अवसर आ सकता है। कामकाज की अधिकता रहेगी। लाभ भी होगा और पुराने मित्रों का समागम भी। बाहरी सहयोग की अपेक्षा रहेगी। श्रम अधिक करना पड़ सकता है। शुभांक-4-6-8
तुला : वरिष्ठजनों से मतभेद उभर सकते हैं। शांतिपूर्वक नित्य कार्य करें। संतान की प्रगति से संतोष होगा। व्यर्थ की भाग-दौड़ में समय व्यतीत होगा। समय नकारात्मक परिणाम देने वाला बन रहा है। कलह विवाद का डर बना रहेगा। पारिवारिक तनाव, अलगाव का सामना करना पड़ सकता है। शुभांक-4-6-7
वृश्चिक : अपना कार्य दूसरों के सहयोग से बना लेगें। प्रतिष्ठा बढ़ाने वाले सामाजिक कार्य संपन्न होंगे। आमोद-प्रमोद का दिन होगा और व्यावसायिक प्रगति भी होगी। ज्ञान-विज्ञान की वृद्घि होगी और सज्जनों का साथ भी रहेगा। कुछ कार्य भी सिद्घ होंगे। किसी अपने की सलाह उपयोगी सिद्घ होगी। शुभांक-1-5-9
धनु : बुद्घि और धन का दुरूपयोग न करें व्यर्थ के आडम्बरों से बचें। परिवार में किसी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। मानसिक तनाव में बढ़ोतरी होगी। किसी का अभद्र व्यवहार खिन्नता व तनाव बढ़ायेगा। विरोधियों के सक्रिय होने की संभावना है। आज का परिश्रम आगे लाभ देगा। शुभांक-2-5-7
मकर : आगे बढऩे के अवसर लाभकारी सिद्घ हो रहे हैं। कुछ आर्थिक संकोच पैदा हो सकते हैं। कोई प्रिय वस्तु अथवा नवीन वस्त्राभूषण प्राप्त होंगे। मान-सम्मान बढ़ेगा। धार्मिक आस्थाएं फलीभूत होंगी। सुख-आनंद कारक समय है। लाभदायक कार्यों की चेष्टाएं प्रबल होंगी। आय के अच्छे योग बनेंगे। शुभांक-3-7-9
कुम्भ : बुद्घितत्व की सक्रियता से अल्प लाभ का हर्ष होगा। कुछ महत्वपूर्ण कार्य बनाने के लिए भाग-दौड़ रहेगी। सुखद समय की अनुभूतियां प्रबल होंगी। मनोविनोद बढ़ेगे। व्ययाधिक्य का अवसर आ सकता है। शुभ कार्यों का लाभदायक परिणाम होगा। कामकाज की अधिकता रहेगी। संतान की उन्नति के योग हैं। शुभांक-5-7-9
मीन : जरा-सी लापरवाही आपको परेशानी में डाल सकती है। व्यर्थ की भाग-दौड़ से यदि बचा ही जाए तो अच्छा है। मानसिक व्यथा व संतान के कारण परेशानी होगी। आवेश में आना आपके हित में नही होगा इसलिए व्यवहार व वाणी पर नियत्रंण रखें। पुरानी गलती का पश्चाताप होगा। शुभांक-3-5-7


