मुजफ्फरनगर। आईआईए के पूर्व चेयरमैन विपुल भटनागर ने सरकार द्वारा जीएसटी स्लैब में बदलाव को दीपावली गिफ्ट बताते हुए कहा है कि उत्पाद सस्ता होने से आमजन को रोजमर्रा का सामान सस्ता मिलेगा, जिस कारण बिक्री बढ़ेगी। इससे उद्यमी व व्यापारी के साथ साथ आम जन को भी फायदा मिलेगा राजस्व भी बढ़ेगा। जो भी उत्पाद सीधे आमजन या कंज्यूमर को जाता जिसमे जीएसटी का रिफंड अन्तिम उपभोक्ता को नहीं मिल पाता, जैसे सरिया लोहा सीमेंट आदि ऐसे उत्पादों को 5% के दायरे में लाना चाहिए, जिससे कर अपवंचन को रोका जा सके। इस कदम से उत्पादकता भी बढ़ेगी और पहले से अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी। जीएसटी के नए दरों में कुछ उत्पादों के रॉ मैटेरियल तो 18% में चले गए है और उससे तैयार माल पर 5% जीएसटी है, ऐसे में जीएसटी का रिफण्ड लेना एक चुनौती बन जाएगी। इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का बड़ा हिस्सा बेवजह उद्यमी का फंसा रहेगा तथा सूक्ष्म एवं लघु इकाइयों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ेगा। ऐसे उत्पादों में जीएसटी दरों में समानता की जानी अति आवश्यक है। कुल मिला कर ये सरकार का बड़ा दीपावली गिफ्ट है जिस प्रत्येक व्यक्ति लाभान्वित होगा।


